Inaugural Function of Rehabilitation Center – JCD Vidyapeeth, Sirsa
जेसीडी विद्यापीठ में दिव्यांगों हेतु पुनर्वास केन्द्र का हुआ विधिवत् शुभारंभ
दिव्यांग परमात्मा की एक विशेष कृति है, इन्हें स्वीकारें व प्यार करें : कान्ता चौटाला
जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित दिव्यांगों हेतु पुनर्वास केन्द्र का वीरवार को कान्ता चौटाला एवं जेसीडी विद्यापीठ के वाइस चेयरमैन अर्जुन चौटाला ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थित होकर इसका शुभारंभ किया गया। वहीं इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर परभाई कन्हैया आश्रम मानव सेवा ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष गुरविन्द्र सिंह उपस्थित हुए तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा द्वारा की गई। इस मौके पर उनके साथ जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण डॉ.जयप्रकाश, डॉ.अरिन्दम सरकार, डॉ.राजेन्द्र कुमार, डॉ.दिनेश गुप्ता, डॉ.अनुपमा सेतिया के अलावा अन्य अनेक गणमान्य लोग तथा अधिकारीगण भी मौजूद रहे। इस मौके पर रिबन काटकर पुनर्वास केन्द्र का शुभारंभ किया। वहीं पौधारोपण भी किया गया तथा दिव्यांगों से भी अनेक पौधे लगवाए गए।
सर्वप्रथम डॉ.शमीम शर्मा ने मुख्यातिथि एवं विशिष्ट अतिथि तथा अन्य का इस अवसर पर पधारने पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चे भी हमारे समाज के ही अंग हैं इन्हें भी शिक्षा व अन्य सुविधाएं सामान्य व्यक्तियों की तरह मिलना चाहिए जिसमें हमारा भी यह एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि जननायक चौधरी देवीलाल पुनर्वास केन्द्र की स्थापना के माध्यम से, जागरूकता, सृजनता, पुनर्वास, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण व मार्गदर्शन की सुविधाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है। डॉ.शर्मा ने कहा कि कई सारे मामलों में विकलांगता को रोका जा सकता है, जिसके लिए कड़े प्रयास करने की आवश्यकता है तथा ऐसे रोगों की रोकथाम के लिए अनेक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी होना चाहिए ताकि लोगों को विकलांगता उत्पन्न होने के कारण तथा गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद होने वाली विकलांगता के लिए जागरुकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए अच्छे एवं विशेष स्कूलों का अभाव है जिसकी वजह से अधिकांश विकलांग ठीक से पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाते इसीलिए इस केन्द्र की स्थापना की गई है, जिसमें बच्चों को पढ़ाने के माध्यम तथा विधि को सही तरह से अपनाया जाएगा ताकि वे भी समाज में सिर उठाकर जी सकें ।
बतौर मुख्यातिथि कान्ता चैटाला ने कहा कि खेलकूद, मनोरंजन से बालकों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है इसलिए हमें दिव्यांग बच्चों को उनकी स्वतंत्रता और सामाजिक भागीदारी के लिए समर्थन करना है। एक संगठित प्रणाली के तहत, चिकित्सा देखभाल से व्यावसायिक प्रशिक्षण तक विभिन्न पुनर्वास सेवाएं प्रदान करता है। इन सेवाओं में उन्नत और व्यापक स्वास्थ्य, चिकित्सा और कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं जो लोगों को अपने संपूर्ण जीवन के कार्यों को ठीक करने और बनाए रखने में मदद करते हैं। जननायक चैधरी देवीलाल पुनर्वास केन्द्र तकनीकों और सहायक उत्पादों के अनुसंधान और विकास के साथ-साथ पुनर्वास पेशेवरों की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए मुख्य संस्था के रूप में भी काम करती है। उन्होंने कहा कि विकलांगों की बढ़ती योग्यता की पहचान की जा रही है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किए जाने पर बल दिया जा रहा है।
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Inaugural Function of Rehabilitation Center – JCD Vidyapeeth, Sirsa – 01/08/2019See images »
विशिष्ट अतिथि गुरविंदर सिंह ने कहा कि गरिमा तथा समानता के लिए विकास के अधिकार को सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया जाएं। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता, न्याय व गरिमा सुनिश्चित करता है और स्पष्ट रूप से यह विकलांग व्यक्तियों समेत एक संयुक्त समाज बनाने पर जोर डालता है। हाल के वर्षों में विकलांगों के प्रति समाज का नजरिया तेजी से बदला है। यह माना जाता है कि यदि विकलांग व्यक्तियों को समान अवसर तथा प्रभावी पुनर्वास की सुविधा मिले तो वे बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं। विकलांगता के शिकार बच्चे सबसे अधिक संवेदनशील समूह के होते हैं और उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि समाजसेवा हमारा परम धर्म है इसीलिए हमें अपना योगदान करके इसे निभाना चाहिए तथा असहायों की सहायता करनी चाहिए तभी मनुष्य जन्म सफल होता है।
इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के अधिकारीगण, स्टाफ सदस्य एवं अन्य अनेक गणमान्य लोग तथा आस-पास के क्षेत्रों के लोग भी उपस्थित रहे।