Celebration of Vivekannd Jayanti
स्वामी विवेकानंद जी आज भी युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत और आदर्श – डॉ. जयप्रकाश
जेसीडी विद्यापीठ में स्वामी विवेकानंद जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित
सिरसा : 12 जनवरी 2025: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में आज स्वामी विवेकानंद जयंती के शुभ अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉक्टर जय प्रकाश ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उनके साथ प्राचार्य मोहित कुमार,प्रोफेसर डॉक्टर राजेंद्र कुमार, डॉक्टर गौरव खुराना, कोमल डॉक्टर प्रदीप कंबोज , रसप्रीत कौर, रचना कंबोज, चारू, नरेंद्र, रामकिशन, जसवंत , राकेश निर्मल के इलावा जेसीडी विद्यापीठ के विद्यार्थी एवं अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे । इस अवसर पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता भी करवाई जिसमें जेसीडी मेमोरियल के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।
इस अवसर पर डॉक्टर जय प्रकाश ने विद्यार्थियों और स्टाफ को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं को आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानंद का जीवन हमें आत्मनिर्भरता, दृढ़संकल्प और राष्ट्रप्रेम का संदेश देता है। उनके विचार न केवल युवाओं को मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि एक मजबूत और सशक्त भारत के निर्माण का आधार भी हैं।” उन्होंने कहा कि “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए,” इस महान विचार को विद्यार्थियों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए । उन्होनें कहा कि युवाशक्ति समाज को सही दशा व दिशा प्रदान करता है तथा सच्चे अर्थों में युवा ही समाज सुधारक एवं राष्ट्र निर्माता होते हैं, इसलिए युवाओं को सदैव राष्ट्रहित के बारे में सोचना चाहिए तथा अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक प्रयास करने चाहिए। युवाओं को निरर्थक बातों की ओर ध्यान न देते हुए सदा सकारात्मक रवैया अपनाते हुए बेहतर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं में सफल जीवन का मूल मंत्र छिपा है।
डॉ. जय प्रकाश ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया और उपस्थित जनगण से शपथ भी दिलाई। उन्होंने विदेशों में तत्वज्ञान की अद्भुत ज्योति प्रदान की तथा अध्यात्म विद्या और भारतीय दर्शन की शिक्षा विश्व को प्रदान करने का कार्य किया था इसलिए वे विश्वगुरु कहलाए थे। स्वामी विवेकानंद जी ने सदैव युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया था, जिसके चलते वे सदैव ही युवाओं के प्रेरणास्त्रोत रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का संदेश केवल व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। “स्वामी विवेकानंद की जयंती हमें उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने का अवसर प्रदान करती है। उनकी शिक्षाएं हमें सिखाती हैं कि कठिन परिश्रम, समर्पण और ईमानदारी से हम अपने जीवन में हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।” निबंध लेखन प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल ने बीसीए प्रथम वर्ष के विद्यार्थी रविन्द्र सिंह ने प्रथम स्थान हासिल किया तथा बी ए प्रथम वर्ष की ज्योति कौर ने द्वितीय और बी ए द्वितीय वर्ष के अभिषेक ने तृतीय स्थान हासिल किया । विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।