आध्यात्मिक ध्यान
ध्यान से मिलती है जीवन की सही दिशा – डॉ. जय प्रकाश
जेसीडी आईबीएम में आध्यात्मिक ध्यान सत्र का हुआ आयोजन
सिरसा, 23 अगस्त 2025– जेसीडी विद्यापीठ के इंस्टीट्यूट ऑफ बिज़नेस मैनेजमेंट में एक विशेष आध्यात्मिक ध्यान सत्र का आयोजन जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रो. डॉ. जय प्रकाश की अध्यक्षता में किया गया। यह सत्र न केवल विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहा, बल्कि इसमें उपस्थित सभी शिक्षकों और अतिथियों ने भी मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन का अनुभव किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. डॉ. जय प्रकाश ने योग साधना टीम का स्वागत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और ऊर्जावान बनाने का साधन हैं। उनका कहना था कि “ध्यान से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच भी विकसित होती है।”
इस अवसर पर योग साधना टीम के मुख्य वक्ता डॉ. पूरन सुथार ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को आधुनिक जीवन की चुनौतियों जैसे तनाव, नशे की लत, स्मरण शक्ति की कमी और एकाग्रता की समस्या के समाधान प्रस्तुत किए। डॉ. सुथार ने गुरुदेव सियाग सिद्ध योग का महत्व बताते हुए ध्यान साधना की तकनीक समझाई और छात्रों को “क्लिंग कृष्ण क्लिंग” मंत्र का सामूहिक अभ्यास करवाया। इस दौरान विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने लगभग 15 मिनट तक ध्यान लगाकर आत्मिक शांति का अनुभव किया।
सत्र में अध्यात्म विज्ञान सत्संग केंद्र, जोधपुर के प्रमुख सदस्य श्री हरीश जी (अजमेर) और श्री संजय सिंह (जोधपुर) सहित अन्य अतिथि भी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरक और गरिमामय बना दिया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रो. डॉ. जय प्रकाश ने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि “ध्यान केवल आध्यात्मिक साधना नहीं, बल्कि जीवन की दिशा और गति को सही रखने का शक्तिशाली साधन है। यह युवा पीढ़ी को तनावमुक्त, संयमित और लक्ष्य केंद्रित बनाता है। यदि विद्यार्थी नियमित रूप से ध्यान साधना को जीवन का हिस्सा बना लें तो वे हर चुनौती का सामना सहजता और आत्मविश्वास के साथ कर सकते हैं।”
उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा अक्सर मानसिक दबाव और असमंजस का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में ध्यान उन्हें न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि सही निर्णय लेने की क्षमता और आत्मनियंत्रण की शक्ति भी प्रदान करता है।
अंत में कॉलेज इंचार्ज डॉ. रणदीप कौर ने सभी विशिष्ट अतिथियों और निदेशक जनरल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उन्हें ताऊ देवीलाल जी की जीवनगाथा भेंट की, जिसे सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक माना गया।
यह विशेष ध्यान सत्र विद्यार्थियों के लिए न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव रहा, बल्कि इसने यह विश्वास भी जगाया कि नियमित साधना और ध्यान से जीवन के हर क्षेत्र—शिक्षा, करियर, और व्यक्तिगत विकास—में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।