Annual Convocation-2018 Second Day
More than 400 students were conferred degrees in Annual Convocation Program
जेसीडी विद्यापीठ में दूसरे दिन आयोजित दीक्षांत समारोह में 400 से अधिक विद्यार्थियों ने हासिल की डिग्रियां
विद्यार्थियों का कर्म ही पूजा ध्येय होना चाहिए व अर्जित ज्ञान का समाज कल्याण हेतु करें विद्यार्थी प्रयोग : प्रो.कायत
जेसीडी विद्यापीठ के सभागार में शिक्षण महाविद्यालय, मैमोरियल पीजी कॉलेज एवं आईबीएम कॉलेज के बी.एड. व एम.एड.,बी.ए.,बीएससी, बी.कॉम.,बीएमसी व बीबीए,एमबीए के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करने हेतु दूसरे दिन के कार्यक्रम में चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डॉ.विजय कुमार कायत ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थित होकर विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की। इस अवसर पर उनके साथ जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंधन समन्वयक इंजी.आकाश चावला, शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक व विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण डॉ.जयप्रकाश, डॉ.प्रदीप शर्मा स्नेही, श्रीमती हरलीन कौर, डॉ.विनय लाठर, डॉ.दिनेश कुमार गुप्ता, इंजी.आर.एस.बराड़ सहित अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण भी मौजूद रहे। दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। जिसके उपरांत मुख्यातिथि महोदय द्वारा दीक्षान्त समारोह के शुभारंभ की घोषणा की गई। इस वार्षिक दीक्षांत समारोह में एम.एड.,बी.एड.,एमबीए,बीबीए,बी.एम.सी बी.एससी.,बीसीए,बी.ए. एवं बी.कॉम. के 400 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई तथा अनेक विद्यार्थियों को शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए विश्विद्यालय स्तर पर स्थान हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।
सर्वप्रथम डॉ.आर.आर.मलिक ने अपने संबोधन में इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि पधारे डॉ विजय कायत का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत ही बड़ी उपलब्धि है कि हमारे विद्यार्थियों को एक अनुभवी व्यक्तित्व के धनी तथा उच्च पदासीन शख्सियत से उपाधियां प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों को केवल बेहतर शिक्षा ही प्रदान करना नहीं अपितु उनका सर्वांगीण विकास करके उनकी एक बेहतर पहचान कायम करना है। इस मौके पर डॉ.आर.आर.मलिक ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें गत वर्ष की विद्यापीठ के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों का व्याख्यान किया गया। डॉ.मलिक ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों ने शिक्षा के अलावा खेलकूद, सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने का काम किया है,जिसके चलते संस्थान की राष्ट्रीय स्तर की पहचान कायम हुई है।
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बतौर मुख्यातिथि अपने संबोधन में डॉ.विजय कायत ने सर्वप्रथम जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंधन समिति एवं दीक्षांत समारोह के आयोजकों को इस कार्यक्रम की हार्दिक बधाई देते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले अभियार्थियों को भी उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वह अपनी योजनाओं को अपने माता-पिता, दोस्तों व टीचर को बताता है तो इससे उसकी योजनाओं में निखार आता है। छात्र की योजनाओं से उसके चरित्र व करियर का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ ग्रेजुएट हो जाने से जीवन में सीखना व पढऩा खत्म नहीं होता है आगे जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो आप के बहुत काम आएंगे। आज आपको शिक्षा संपन्न करने के बाद उपाधि प्राप्त हुई है अब आप अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे हासिल करने में लग जाए ताकि आपको कामयाबी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा,’आप जो भी लक्ष्य तय करें उसे पाने के लिए पूरी एकाग्रता के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने अपने संबोधन में जेसीडी विद्यापीठ में व्याप्त अनुशासनात्मक माहौल, हरा-भरा कैंपस एवं बेहतर शिक्षण एवं संस्कारों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण दिवस है, जिससे आपकी पौराणिक कॉलेज जीवन की यादें एक बार फिर कैम्पस में उपस्थित होने पर ताजा हो आई है। प्रो.कायत ने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं से अनुरोध किया कि वे अपने अर्जित ज्ञान व शिक्षा का समाज कल्याण में उपयोग करें तथा अच्छे मानव बनें। उन्होंने कहा कि अपने अन्र्तमन की सुन कर ही हमें जीवन उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए ताकि हम सही दिशा की ओर अग्रसर हो सकें। अपनी अंर्तात्मा की आवाज को सुनें। प्रत्येक को जीवन में सफलता हासिल करने के लिए समय की प्रबंधता का होना अतिआवश्यक है अगर हम समय के महत्व को नहीं पहचानेंगे तो पिछड़ जाएंगे। शिक्षक एवं विद्यार्थी अपने को अपडेट रखें तथा समाजहित में कार्य करते हुए सदैव अपने लक्ष्य को स्मरण रखते हुए बेहतर कार्य करें। डॉ कायत ने भारतीय अध्यात्मिक मूल्य, धर्म, संस्कृति और शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए युवा वर्ग से आह्वान किया तथा साथ में विद्यार्थियों को सचेत करते हुए कहा कि आप पाश्चात्य संस्कृति का अंधाधुंध प्रयोंग से भी बचे। यह ना केवल हमारी युवा पीढी को गलत दिशा मे अग्रसर कर रही है बल्कि हमारी सभ्यता और संस्कृति को भी गहरी चोट पहुंचा रही है।
इस पर जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रदीप स्नेही तथा डॉ.जयप्रकाश ने मुख्यातिथि महोदय एवं अन्य अतिथियों का इस कार्यक्रम में पधारने पर हार्दिक आभार प्रकट करते हुए अपना धन्यवादी अभिभाषण प्रस्तुत किया तथा उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को एक कविता के माध्यम से कहा कि वे अब एक नए पथ पर अग्रसर हो चुके हैं, जिस पर उन्हें संभलकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को समय-समय पर बेहतर अनुभवी विशेषज्ञों से रूबरू करवाकर उनकी ज्ञान में वृद्धि करना होता है, जिसके लिए हम कृतसंकल्प है तथा निकट भविष्य में भी इस कार्य में लगे रहेंगे। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को बधाई प्रेषित की तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।
सभी विद्यार्थियों को मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा उपाधि प्रदान की गई तथा अनेक विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए गोल्ड मेडल प्रदान करके सम्मानित किया गया। वहीं इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ की वार्षिक रिपोर्ट का भी सभी अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों एवं संस्थान की उपलब्धियों का व्याख्यान किया गया है। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि महोदय को जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंधन समिति एवं अन्य द्वारा स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय, जेसीडी आईबीएम व जेसीडी मैमोरियल पीजी कॉलेज के अलावा अन्य कॉलेजों के स्टाफ सदस्य एवं अन्य गणमान्य लोगों सहित अनेक विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे।
इसके पश्चात् सभी कॉलेजों द्वारा अपने-अपने विद्यार्थियों को पूर्व विद्यार्थियों से रूबरू करवाने एवं उनके अनुभव सांझा करवाने हेतु भूतपूर्व छात्र मिलन समारोह का भी आयोजन करवाया गया, जिसमें सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करके अपनी पूर्व की यादों को तरोताजा करके खुद को उत्साहित महसूस किया एवं अपनी-अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से खूब वाहवाही लूटी।