Blood donation camp, Havan & Sarvadharma Sabha on the Punyathithi of Chaudhary Devi Lal Ji
जेसीडी विद्यापीठ में चौ. देवीलाल की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर , हवन यज्ञ सर्वधर्म सभा का आयोजन
चौधरी देवीलाल जी थे दूरदर्शी सोच के धनी : कांता चौटाला।
प्राचार्य डॉ जयप्रकाश ने सबसे पहले रक्तदान कर किया विद्यार्थियों को प्रेरित।
सिरसा 6 अप्रैल 2023, जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा के प्रांगण में पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल की 22वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। विद्यापीठ के स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने रक्तदान कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। विद्यापीठ परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा एवं हवन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती कांता चौटाला एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा, विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. सुधांशु गुप्ता, प्राचार्य का डॉक्टर जय प्रकाश डॉक्टर दिनेश कुमार गुप्ता , डॉक्टर अनुपमा सेतिया, डॉक्टर शिखा गोयल, डॉक्टर हरलीन कौर के इलावा डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश्वर चावला, श्री कश्मीर सिंह करीवाला, श्री जसवीर सिंह जस्सा, श्रीमती कृष्णा फौगाट, श्री प्रदीप मेहता, श्री गुरप्रीत गिल, श्री गुरदयाल मेहता, श्री गुरविंदर गिल, डॉ. ओम प्रकाश, श्री गंगाराम बजाज, श्री महावीर शर्मा, श्री नरेंद्र मेहता, श्री प्रेम शर्मा, श्री बाबल विर्क, श्री के एल लूथरा, श्री कमलेश संधू, श्रीमती पुष्पा नारंग सभी प्राचार्यगण, प्राध्यापकगण व उपस्थित सभी अतिथियों एवं स्टाफ सदस्यों ने उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. जयप्रकाश ने आएं हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए चौधरी देवीलाल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्गीय चौधरी देवी लाल जी का लोक कल्याणकारी कार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है। चौधरी देवीलाल जी धन और पद की लालसा नहीं थी अपितु जनहित के लिए वे सदैव कर्मशील रहते थे।
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Ch. Devi Lal’s 22nd death anniversarySee images »
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती कांता चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल सभी के नेता थे। जनता के हित के कार्य जितने चौधरी देवीलाल ने किए, आज तक किसी भी राजनेता ने नहीं किए। चौधरी देवी लाल अप्रितम योद्धा,महान समाज सुधारक थे। मन,वाणी और कर्म से श्रेष्ठ थे। सरल एवं साधारण व्यक्तित्व के धनी थे चौधरी देवीलाल देवीलाल जी। किसान हितैषी इतने अधिक थे कि स्वयं खेती का अवलोकन करते थे और प्राकृतिक प्रकोप से फसल नष्ट हो जाने पर किसान को सांत्वना देकर नुकसान की भरपाई भी जल्द से जल्द करवाने के लिए आतुर रहते थे। अतिथि की पराकाष्ठा और कर्तव्य भावना उनमें बहुत अधिक थी। चौधरी देवीलाल जी दूरदर्शी सोच के धनी थे किसान मजदूर,निर्धन असहाय के सच्चे हितैषी थे स्वर्गीय चौधरी देवी लाल जी। गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं को देखकर उनका निराकरण करते थे। जिनमें चौपालों का निर्माण तथा अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं उनकी ही देन हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल उच्च पदों पर रहते हुए भी अपनी जमीनी सोच और कार्यशैली में कभी बदलाव नहीं लाए। पद की गरिमा-प्रतिष्ठा को बरकरार रखते हुए वे दरिद्र नारायण के घर-द्वार तक पहुंचे। सत्ता के बिना भी उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया। वह शरीर जरूर छोड़ गए लेकिन उनकी आत्मा आज भी जीवित है। यह ताऊ का करिश्माई व्यक्तित्व ही था कि सभी उन्हें जननायक के नाम से पुकारते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने संबोधित करते हुए कहा कि चौधरी देवीलाल सभी वर्गों के हितैषी थे जिन्होंने अपने जीवन काल में कल्याणकारी योजनाएं बनाकर उन्हें अमलीजामा पहनाया। चौधरी देवीलाल जी अपने आप में एक संस्था थे जिनके बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। वे हमेशा सिखाने के लिए उत्सुक रहते थे। समाज के प्रत्येक वर्ग,समुदाय के उत्थान के लिए चौधरी देवी लाल जी सदैव संघर्षशील रहते थे। जनहित के कार्यों को कानूनी रूप से अमलीजामा पहनाने का कार्य चौधरी देवीलाल जी ने किया है। चौधरी देवी लाल जी जो कहते थे उसको कानूनी तौर पर लागू भी करते थे। घुमंतू जाति के बच्चों की पढ़ाई के लिए एक रुपए की छात्रवृत्ति योजना, किसान ऋण माफ करना, बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन इत्यादि जनहितकारी कार्यों के लिए चौधरी देवी लाल जी सदैव अमर रहेंगे।
इस अवसर पर महाविद्यालय के रेड रिबन क्लब, रेडक्रॉस क्लब, आइक्यूएसी कमेटी और राष्ट्रीय सेवा योजना व शिव शक्ति ब्लड सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। सर्वधर्म सभा के मुख्यातिथि महोदया व अन्य अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। भाई कन्हैया आश्रम, दिशा दिव्यांग बच्चों का स्कूल, जननायक चौधरी देवीलाल पुनर्वास केंद्र में फल वितरित किए गए। मंच का संचालन डॉ. राजेन्द्र द्वारा किया गया।