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Cultural Night on the occasion of JanNayak Ch Devi Lal Jayanti
  • By JCDV
  • September 26, 2023
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Cultural Night on the occasion of JanNayak Ch Devi Lal Jayanti

जननायक चौ.देवीलाल जी की 110वीं जयंती पर सांस्कृतिक संध्या में विद्यार्थियों ने मचाई धूम ।
चौ. देवीलाल जी की दूरदर्शी सोच एवं कल्पना को साकार रूप प्रदान करना वर्तमान समय की आवश्यकता: डॉ. हवासिंह

सिरसा 26 सितंबर, 2023, जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ सिरसा में पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौ. देवीलाल जी का 110वीं जयन्ती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। सांध्यकालीन सत्र में सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. हवासिंह पूर्व रजिस्ट्रार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र व अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा द्वारा की गई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. गुलाब सिहाग एवं गणेश सेठी प्रधान जिला सिरसा बार एसोसिएशन रहे। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथि गण का हरा पौधा देकर स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम के संजोयक डॉ. जय प्रकाश ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के सबसे बड़े किंग मेकर माने वाले जननायक युगपुरुष ताऊ देवीलाल की 110वीं जयंती धूमधाम से मना कर हम सब आज उन्हें याद कर रहे हैं।

डॉक्टर ढींडसा ने अपने संबोधन में कहा कि चौधरी देवीलाल भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह , किसानों के मसीहा, महान स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के जन्मदाता और करोड़ों भारतीयों के जननायक थे। आज भी देवीलाल के नाम से बुजुर्ग और युवा लोग उत्तेजित हो उठते हैं। उन्होंने आजीवन किसान, मुजारों, मजदूरों, गरीब और सर्वहारा वर्ग के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि जब सयुंक्त पंजाब के समय हरियाणा जो उस समय पंजाब का हिस्सा था विकास के मामले में भारी भेदभाव हो रहा था। चौधरी देवीलाल जी ने उस भेदभाव को मिटाने के लिए न सिर्फ पार्टी मंच पर मुद्दा उठाया बल्कि विधानसभा से भी आंकडों के साथ बात रखी है और हरियाणा को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया है। जिसके फलस्वरूप 1 नवंबर 1966 को अलग हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया और प्रदेश के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले चौ. देवीलाल को हरियाणा के निर्माता के रूप में जाना जाने लगा।

मुख्य अतिथि डॉ. हवासिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा यह शौभाग्य है कि मुझे आज एक महान युग पुरुष ताऊ देवीलाल जी के जयन्ती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत होने का मौका मिला। डॉ. हवासिंह ने कहा कि चौधरी देवीलाल जी में देशभक्ति व किसानों के प्रति प्रेम कूट-कूटकर भरा हुआ था। उनका जन्म एक बड़े जमींदार के घर हुआ, इसके बावजूद उन्होंने बड़े जमीदारों का विरोध किया और बटाईदारों व मुजारों को जमीन में मिल्कियत की वकालत की। उन्होंने किसान जागृति मंच की स्थापना की। भूमिहीन मजदूरों के हितों की लड़ाई के लिए उन्होंने कानून व सामाजिक कठिनाइयों का सामना भी किया। उनके जीवन पर किसान नेता सरदार अजीत सिंह का बहुत प्रभाव था। देवीलाल जी ने कई ऐसी योजनाओं को आरंभ किया कि जिससे हर समुदाय को लाभ मिले। बुढ़ापा सम्मान पेंशन उनका ऐतिहासिक फैसला था। उन्होंने उप प्रधानमंत्री होते हुए भी महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा किसान रैली का समर्थन किया। घर-घर व चौपाल में जाकर किसानों की समस्याओं को समझा। वर्षों से ग्रामीणों से जो भेदभाव होता आ रहा था, उसको भी दूर करने के लिए ताउम्र संघर्षशील रहे। आज देश में किसान नेतृत्व की कमी महसूस हो रही है। देवीलाल कृषि प्रधान एवं आधुनिक भारत के सच्चे प्रतिनिधि थे। उनकी कृषि व लोक कल्याणकारी नीतियां भाईचारे रूपी वृक्ष के लिए सदा देश के विकास में रोशनी का काम करती रहेंगी। वे हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। डॉ. हवासिंह ने कहा कि चौधरी देवीलाल जी समाज कल्याण की दूरदर्शी सोच के स्वामी थे। उन्होंने किसानों,मजदूरों की दशा को प्रत्यक्ष रूप से देखा और उनके हक के लिए सदैव प्रयत्नशील रखें चौ. देवीलाल जी की दूरदर्शी सोच एवं कल्पना को साकार रूप प्रदान करना वर्तमान समय की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के अन्त मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा गैर शिक्षकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. सुधांशु गुप्ता, जन संपर्क निदेशक व प्राचार्य डॉ . जयप्रकाश, डॉ.अरिन्दम सरकार, डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल, डॉ. हरलीन कौर एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। प्रातःकालीन सत्र के पुष्पांजलि समारोह में मुख्य अतिथि विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा तथा रक्तदान शिविर के मुख्य अतिथि सिविल सर्जन, नागरिक हस्पताल सिरसा से डॉ. महेंद्र भादू एवं विशिष्ट अतिथि डॉक्टर वेद बैनीवाल थे।

कार्यक्रम के मंच का संचालन कविता अग्रवाल व कोमल गोस्वामी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. हरलीन कौर ने आएं हुए मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का धन्यवाद किया।

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