Dr. Shamim Sharma was awarded for outstanding contribution in the field of education
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. शमीम शर्मा को किया सम्मानित
वरिष्ठ राजयोगिनी बीके बिंदु ने किया शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित
सिरसा 4 सितम्बर, 2020 : शिक्षक सदैव सर्वोपरि होता है तथा इनका सम्मान एक अनूठी अनुभूति प्रदान करने वाला होता है यह बात वरिष्ठ राजयोगिनी बी.के बिन्दु द्वारा जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित करते हुए कही। गौरतलब है कि डॉ. शमीम शर्मा ने 38 वर्षों से भी अधिक अध्याापन एवं प्रशासक कार्य करके एक बेहतर शिक्षक के तौर पर अमिट छाप छोड़ी है तथा वर्तमान में भी उनकी पुस्तकें एवं समय-समय पर दिए जाने वाले व्याख्यान भी बहुत ही ज्ञानवद्र्धक होते हैं। इस साधारण सम्मान समारोह के मौके पर प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश, सहायक प्रोफेसर डॉ. गौरव कुमार व बीके सुमन भी उपस्थित रहे। वहीं इससे पूर्व डॉ. शमीम शर्मा का आनलाइन ‘गुरु गुण लिखा न जायÓ विषय पर अध्यापक दिवस पर एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने गुरु की महिमा सम्बन्धी जानकारी दी।
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इस मौके पर बीके बिन्दु ने जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. शमीम शर्मा द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ठ कार्य को देखते हुए तथा एक बेहतर शिक्षक के नाते से उन्हें सम्मानित करने का मन हुआ तो यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को शुरू से ही आगे रखने का फैसला लिया और इसी के कारण विश्व की अन्य सभी आध्यात्मिक और धार्मिक संस्थानों के बीच में ब्रह्माकुमारीज़ अपना अलग अस्तित्व बनाये हुए है। पिछले 80 वर्षों से इनके नेतृत्व ने लगातार हिम्मत, क्षमा करने की क्षमता और एकता के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को साबित किया है। हालांकि सभी शीर्ष व्यवस्थापकीय पदों पर महिलायें नेतृत्व करती हैं लेकिन यह शीर्ष की महिलायें हमेशा अपने निर्णय भाईयों के साथ मिलजुल कर लेती हैं। यह सहभागिता और आम सहमति के साथ नेतृत्व का एक आदर्श है जो सम्मान, समानता और नम्रता पर आधारित है। यह एक कुशल और सामंजस्यपूर्ण अधिकारों के उपयोग का उदाहरण रूप है।
डॉ. शमीम शर्मा ने इस सम्मान के लिए बहन बिन्दु का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह उनके लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि एक बहुचर्चित तथा महिलाओं के धार्मिक एवं आध्यात्मिक उत्थान हेतु कार्य कर रही संस्था द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है। उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि एक गुरु का कर्ज अगर हम चाहे तो भी नहीं उतार सकते हैं। गुरु वह है जिसकी महिमा अगर हम धरती को कागज बनाकर भी लिखना चाहते तो नहीं लिख पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस ब्रह्माण्ड में भगवान से भी सर्वोपरि स्थान गुरु को दिया गया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि एक शिक्षक अनंत काल तक पूजनीय होता है अगर वह अपने शिक्षण कार्य में मन से, ईमानदारी से एवं लग्र से कार्य करता है। उन्होंने इस मौके पर आजकल के शिक्षकों पर चिंता भी व्यक्त की क्योंकि कुछेक शिक्षकों द्वारा वर्तमान में गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार-तार किया गया है वह चिंतनीय है। उन्होंने सभी गुरुजनों को शिक्षक दिवस की अग्रिम बधाईयां एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।