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International webinar on Covid-19 –  JCDM College of Pharmacy
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  • May 18, 2020
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International webinar on Covid-19 – JCDM College of Pharmacy

जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में COVID -19 पर हुआ इंटरनेशनल वेबीनार का आयोजन

सिरसा 15 मई, 2020: जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी की तरफ से कोविड-19 महामारी पर इंटरनेशनल वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के प्रसिद्ध वायोलॉजिस्ट एवं इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश ग्रोवर एवं जेसीडी विद्यापीठ प्रबंधक निर्देशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने वेबीनार में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की | जबकि इंटरनेशनल वेबीनार की अध्यक्षता जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्या डॉ.अनुपमा सेतिया द्वारा की गई I इस अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में देश के भिन्न भिन्न राज्यों के फार्मेसी विभाग के प्रसिद्ध प्रोफेसर एवं रिसर्च साइंटिस्ट ने भाग लिया I

सर्वप्रथम प्रो. शिखा रहेजा ने मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों का वेबीनार पर स्वागत किया और इस इंटरनेशनल वेबीनार के संचालन का कार्य डॉ. रीटा सेठी  एवंम सहायक प्रोफेसर श्री गौरव खुराना की देखरेख में किया गया.

वेबीनार के मुख्य वक्ता डॉ. ग्रोवर ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कोविड -19 महामारी के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे यह वायरस सांस के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करता है और कैसे यह फेफड़े शवसन तंत्र किडनी आंत यह चार अंगों को मुख्यतः प्रभावित करता है Iउन्‍होंने आगे बताया कि अधिकांश मामलों में इसका हमला फेफड़ों पर होता है जहां से यह मानव शरीर में प्रवेश करता है। यहां इसके एंट्री के बाद सूजन आ जाता है और न्‍यूमोनिया के लक्षण दिखाई देते हैं। फेफड़ों पर इसका अटैक सबसे पहले होता है और यहां यह अधिक नुकसान पहुंचाता है और इसलिए ऑक्‍सीजन व वेंटीलेटर की जरूरत होती है। डॉ ग्रोवर ने बताया कि यदि आपका इम्यूनिटी सिस्टम ठीक होगा तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम से कम है। शरीर को बाहरी संक्रमण से बचाकर रखने के लिए शरीर के अंदर एक रक्षा प्रणाली होती है, जिसे इम्यून सिस्टम या रोग प्रतिरोधक शक्ति कहते हैं। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती चली जाती है और इसलिए उनको कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है। डॉ. मुकेश ग्रोवर ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व में प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों की टीम ने रिसर्च के बाद यह पाया की ऑरनोफिन नामक दवाई से 24 घंटे में 85% और 48 घंटे में 95% वायरस नष्ट हो जाते हैं और इस रिसर्च से एक महत्वपूर्ण बात यह भी आई है किस दवा का रोगी की कोशिकाओं में कोई घातक असर नहीं दिखाई दिया उन्होंने बताया कि वह कोरोना के इलाज के लिए कुछ और समाधान तलाश कर रहे हैं और उनका परीक्षण अभी बाकी है लेकिन फिलहाल जब तक कोई और स्टीक दवा नहीं मिलती तब तक ऑरनोफिन का प्रयोग बहुत राहत दे सकता है I

अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंधक निर्देशक डॉ. शमीम शर्मा ने बताया कोरोना एक वायरस जनित रोग है जिसने महामारी का रूप ले लिया है और समस्त संसार में तबाही मचा रहा है। इस रोग की शुरुआत जुकाम एवं खासी मात्र से होती है जो धीरे-धीरे आगे चल कर एक विकराल रूप ले लेती है और रोगी के स्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है। इतनी बुरी तरह की कई बार रोगी की मृत्यु हो जाती है। डॉ शर्मा ने बताया की कोरोना से बचाव करने में ही समझदारी है क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है जो बहुत ही तेजी से एक दूसरे में फैलता है। डब्लू एचओ ने कुछ सावधानियों की सूची निकाली है और यह भी बताया है की कोरोना से बचाव के ये मूल मंत्र बताएं जैसे कि बाहर से आने के बाद अपने हाथों को साबुन से करीब 20-30 सेकंड तक अवश्य धोएं। अपने हाथों को अपने मुख से दूर ही रखें, जिससे की संक्रमण होने पर भी आपके अंदर न जा पाए।लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी सदैव बनाये रखें। जरूरी न हो तो बाहर न जाये।सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।सदैव मास्क और ग्लव्स पहने। कोरोना एक जान लेवा बीमारी है, जो कभी भी और किसी को भी हो सकता है। इस लिये बताइ गई सावधानी अवश्य बरतें और सतर्क रहें। बच्चों को भी समझाए और हाथ धुलने की आदत उनमे भी सिखाये और इस बीमारी को दुनिया से ख़तम करने की जंग में एक बहुमूल्य योगदान अपना भी दे। छींकते वक़्त अपने मुँह को कोहनी से या अपने टिश्यू पेपर से ढक ले और उस टिश्यू पेपर को कूड़ेदान में फेंक दे। लोगों से सोशल डिस्टेंस रखे इससे संक्रमण का खतरा काम होगा। सामाजिक दुरी इस समय हर देश को एक बेहतर उपाए लग रहा है। डॉ.शमीम शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश ग्रोवर का कोविड -19 महामारी के खिलाफ अपना महत्वपूर्ण योगदान देने और भारत वासियों का गौरव बढ़ाने के लिए आभार प्रकट किया और यह आशा जताई की जल्द ही कोविड -19 के खिलाफ इस जंग में हमारी विजय प्राप्त होगी
डॉ.शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के प्रसिद्ध इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ.मुकेश ग्रोवर का इंटरनेशनल वेबीनार मे अपना बहुमूल्य कीमती समय निकालने के लिए और कोविड -19 महामारी के खिलाफ अपना रिसर्च अनुभव सांझा करने के लिए आभार प्रकट किया I जेसीडी फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्या डॉ.अनुपमा सेतिया ने कोविड -19 महामारी के बारे में बताया की कोरोना संक्रमित मरीज़ के छींकने से उसके आस-पास के लोगों तक तेज़ी से फैलता है। किसी कोरोना संक्रमित मरीज़ के थूक को सतह पर छूने से और फिर अपने मुंह, चेहरे, नाक को हाथ लगाने से फैलता है। एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति हज़ारों लोगो को संक्रमित कर सकता है। कोरोना वायरस मनुष्य के शरीर में बिना कोई लक्षण दिखाए 14 दिनों तक एक्टिव रह सकता है।कोरोना वायरस के मुख्य लक्षण तेज बुखार, गले में दर्द, ख़त्म न होने वाली खासी और सांस लेने में तकलीफ है अंत में जाके यह फेफड़ों को कमजोर कर देता है जिससे मरीज़ को सांस लेने में मुश्किल होती है। यह शरीर के दूसरे अंगों को नाकाम कर देता है जिससे मरीज़ की मौत हो जाती I डॉ.सेतिया ने मुख्य अतिथि एवं अंतरराष्ट्रीय वेबीनार के सभी भिन्न भिन्न राज्यों के फार्मेसी विभाग के प्रसिद्ध प्रोफेसर एवं रिसर्च साइंटिस्ट का इस अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रतिभागियों द्वारा कोविड -19 महामारी पर अनेक प्रश्न रखे गए और डॉ.ग्रोवर ने हर एक प्रश्न का संतुष्टपूर्वक जवाब दिया I इस अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में ​डॉ जयप्रकाश प्राचार्य जेसीडी मेमोरियल कॉलेज सिरसा ,प्रोफेसर डॉ.संजू नंदा हेड ऑफ डिपार्टमेंट फार्मास्यूटिकल साइंस महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, डॉ.यश पाल सिंगला कंट्रोलर ऑफ एग्जाम जीजेयू यूनिवर्सिटी हिसार, डॉ.नवीन गोयल डिप्टी रजिस्ट्रार गुरुग्राम यूनिवर्सिटी डॉ.सौरव शर्मा प्रिंसिपल सीटी यूनिवर्सिटी लुधियाना, डॉ राकेश मरवाहा सहायक प्रोफेसर महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, डॉ. मीनाक्षी मरवाहा प्रिंसिपल फार्मेसी डिपार्टमेंट बाबा मस्तनाथ रोहतक, डॉ.मनीष ढल सहायक प्रोफेसर पीजीआईएमएस रोहतक,डा. मीनाक्षी भाटिया सहायक प्रोफेसर जीजेयू हिसार , डॉ.प्रदीप कंबोज, प्रो अमित गिरधर ,प्रो नीलम पुनिया ,डॉ. विपिन कंबोज  एवं अन्य अनेक प्रोफेसर एवं रिसर्च साइंटिस्ट ने इस इंटरनेशनल वेबीनार में भाग लिया

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