International Yoga Day Celebration – 22/06/2017
जेसीडी विद्यापीठ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
योग हमारी सांस्कृतिक धरोहर इसे बचाने के लिए होना होगा सभी को एकजुट : डॉ.आर.आर.मलिक
-
International Yoga Day Celebration – 22/06/2017See images »
सिरसा 22 जून, 2017 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय के तत्वावधान में विगत दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्यातिथि जेसीडी विद्यापीठ के शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा शरीर को स्वस्थ बनाने हेतु जो यह कार्यक्रम प्रारंभ किया है वह काफी सराहनीय है,क्योंकि योग हमारी जीवनशैली में काफी महत्व रखता है तथा इससे एक नवीन ऊर्जा का संचार होता है और हम व्यस्त समय के बावजूद अपने आपको चिंतामुक्त रख सकते हैं। उन्होंने कहा यह पौराणिक काल से चली आ रही बेहतरीन पद्धति है, इसलिए हमें अपनी संस्कृति व संस्कारों को जीवंत रखने के लिए भी योग को अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि डॉ. आर.आर. मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि स्वस्थ व्यक्ति समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण में अहम भूमिका अदा कर सकता है तथा स्वस्थ रहने के लिए हमें योग एवं व्यायाम को अपनाना होगा। योग शब्द संस्कृत धातु ‘युज’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खिंचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सत ही पहलू हैं। योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है। उन्होंने कहा कि योग को हमें दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए जिससे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योग शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो रोजमर्रा की जि़न्दगी के लिए आवश्यक है। डॉ. मलिक ने कहा कि योग को एक नई पहचान मिली है वर्तमान में योग को केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी विशेषताओं के लिए अपनाया जा रहा है तथा प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत 21 जून 2015 से हुई थी, जिसकी पहल माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी। वर्तमान में पूर्व की अपेक्षा योग के प्रति लोगों में जागरूकता आई है तथा उन्होंने इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हुए दवाईयों एवं अन्य रोगों को मात देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी की सोच में जो विकृतियां उत्पन्न हो रही है उसे केवल योग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है।
इस एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर योग प्रशिक्षक श्री मनोज गोदारा एवं मि.रमेश कागदाना ने जेसीडी विद्यापीठ के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य स्टॉफ सदस्यों को जानकारी प्रदान की गई तथा योग करवाया गया। इस मौके पर उन्होंने सूर्य नमस्कार के 12 आसनों के साथ-साथ अन्य आवश्यक योग क्रियाएं करके दिखाई तथा सभी से करवाई भी। इस अवसर पर श्री मनोज गोदारा एवं मि. रमेश कुमार ने कहा की आसन एवं योग क्रियाएं हमारे पौराणिक ऋषि-मुनियों की दी हुई एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें सदैव सहज कर रखना चाहिए तथा आज प्रत्येक देश हमारी इस पद्धति को अपना कर इसका लाभ उठा रहा है परंतु हमारे ही देश में इसे पूर्ण अधिकार प्राप्त नहीं हो पा रहा इसलिए सरकार द्वारा उठाएं गए इस सराहनीय कदम का सभी को लाभ उठाना चाहिए तथा अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए प्रात:काल योग अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा की योग अपने में ही एक बेहतर शब्द है जिस का अर्थ है जुडऩा यानि सांसों का उस परमात्मा से जुडऩा ही बेहतर योग है, स्वयं को स्थिर रखना ही योग है।
इस कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि महोदय द्वारा प्रशिक्षकों को समृति चिहृन प्रदान करके सम्मानित किया गया, इस मौके पर सभी महाविद्यालय के प्राचार्य, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।