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  • March 10, 2021
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Valedictory Programme of Tejaswani Sangam Dated 09-03-2021

तेजस्विनी संगम समारोह का समापन अंतिम दिवस तेजस्विनी अवार्ड फेस्टिवल से हुआ संपन्न. एवरेस्ट फतह करने के लिए जोश के साथ होश जरूरी: पर्वतारोही अनिता कुंडू

सिरसा 9 मार्च,2021, जेसीडी विद्यापीठ सिरसा में तीनदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तेजस्विनी संगम समारोह एवं इंटरनेशनल अवार्ड 2021 का कार्यक्रम आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही सुश्री अनिता कुंडू तथा विशिष्ट अतिथि श्रीमती कमलेश मलिक सुविख्यात शिक्षावद एवं साहित्यकार एवं डॉ. वंदना पूनिया डीन फैकल्टी ऑफ़ एजुकेशन गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार रहे व कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.सुनीता चौधरी एवं जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा जी ने की। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, कार्यक्रम की संरक्षक एवं जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा व संयोजक जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्या डॉ. अनुपमा सेतिया एवं अविनाश फुटेला संपादक, वूमेन डेडी केशन मैगजीन ने की। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की गई।

डॉ.शमीम शर्मा ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए व परिचय देते हुए कहा कि महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है। कई बार महिलाओं के साथ पेशेवर जिंदगी में भेदभाव होता है। घर परिवार में भी कई दफा उन्हें समान हक और सम्मान नहीं मिल पाता है। फिर वे जूझती हैं। संघर्ष करती हैं और इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में उनका ही सर्वाधिक योगदान होता है। जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने मशाल यात्रा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का समापन किया और उन्होंने कहा कि विद्यापीठ में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी समय समय पर आयोजन किया जाता है। डॉ. शमीम शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। इस कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना राजरानी की टीम द्वारा विशेष प्रस्तुति पेश की गई एवं शाह सतनाम जी गर्ल्स कॉलेज के विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां पेश कर सभा जनसमूह का मन मोह लिया। इसके बाद जेसीडी विद्यापीठ के स्टाफ द्वारा ग्रुप सॉन्ग की प्रस्तुति दी गई।

मुख्य अतिथि पर्वतारोही सुश्री अनिता कुंडू ने मुख्य अतिथि ने श्रोताओं को संबोधित संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं जो महिला के बिना शुरू हो सके इसलिए हर दिन महिला दिवस है यद्यपि अगर दोनों वर्ग कंधे से कंधा मिलाकर चले तो देश को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता।उन्होंने उपस्थित अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम बेटा और बेटी को एक समान समझेंगे। हमें अपने परिवार से ही बेटा और बेटी के बीच जो असमानता है उसको दूर करना होगा और दोनों को एक समान समझना होगा।आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। आज महिलाएं आईटी, आर्मी, रेलवे, चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो हर क्षेत्र में आगे हैं।बच्चों में कार्य का विभाजन वर्ग के आधार पर न करें उन्हें हर काम सिखाएं जिससे वे मुश्किल से मुश्किल हालातों का सामना आसानी से कर पाएं और कभी घबराए नहीं।उन्होंने युवा वर्ग का मार्गदर्शन करते हुए कहा अगर आप मन में ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती का भी सामना कर सकते हैं।अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लिए पूरी मेहनत से पूरा करें। उन्होंने कहा कि एवरेस्ट फतह करना जितना रोमांचकारी है उतना खतरनाक भी है। दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी की चढ़ाई करने के लिए जोश के साथ होश का इस्तेमाल करना जरूरी है। एवरेस्ट फतह करने के लिए उन्हीं युवाओं को आगे आना चाहिए जिनमें हाइट गेन (ऊंची चोटियां चढ़ी हो) करने की क्षमता हो। इसके साथ ही बेसिक एवं एडवांस कैंप को भी सफलतापूर्वक किया हो। उन्होंने कहा एवरेस्ट मिशन के दौरान पर्वतारोहियों की सबसे ज्यादा मौत कड़ाके की ठंड तथा आक्सीजन की कमी से होती है। बर्फीली जगहों पर भयंकर सर्दी के चलते हाथ और पैरों के ऊतक मरने लगते हैं। मांस काला पड़ जाता है और गलने लगता है। हिमस्खलन और दरारों में गिरकर भी पर्वतारोहियों की मौत होती है। कम अनुभवी पर्वतारोही ऑक्सीजन का इस्तेमाल बेस कैंप से ही शुरू कर देते हैं। उन्होंने महिला वर्ग को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर एक महिला दूसरी महिला को सम्मान दें,स्नेह दें मदद करें तो समाज में एवं देश में विश्वास का वातावरण स्थापित हो जायेगा।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सिरसा जिला के उपायुक्त की धर्मपत्नी डॉ.सुनीता चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज की नारी हर एक क्षेत्र में अपने हुनर का परचम लहरा रही है. और उनके इसी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के सम्मान हेतु ही 8 मार्च को पूरे विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य है समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और उनके अधिकारों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि वहीं राष्ट्र विकास कर सकता है जिस राष्ट्र में नर और नारी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। आज हम महिला दिवस मना रहे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम पुरुषों का विरोध कर रहे हैं। महिला सशक्तीकरण का मतलब है महिलाओं को अधिकार दिलाया जाएं। महिलाएं ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देती है। हमें महिलाओं को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए वह शक्ति है वह हर मुश्किल का सामना कर सकती है।

विशिष्ट अतिथि श्रीमती कमलेश मलिक ने डा. शमीम शर्मा का आभार प्रकट किया और कहा कि महिला को इतना सशक्त होना चाहिए कि वे अपनी इच्छा से अपनी जीवन के हर फैसले लें और उस पर कायम रह सकें।कार्यक्रम में उपस्थित सशक्त महिलाओं को मुख्य अतिथि सुश्री अनीता कुंडू एवं विशिष्ट अतिथि कमलेश मलिक व कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. शमीम शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सशक्त महिलाओं के हुनर और कामयाबी का जश्न मनाया गया।

विशिष्ट अतिथि डॉ. वंदना पूनिया ने कहा कि हमारे देश में एक स्त्री के सम्मान में रामायण और महाभारत करने का प्रचलन रहा है वही आज हम अपने उसी देश में अपने महिलाओं की रक्षा नहीं कर पा रहे है। आज जहाँ महिलाएं, पुरुषों के बराबर कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में प्रगतिशील है वही उनके साथ अशोभनीय होता है। आज बेटियां जहाँ सेनाओं में भर्ती होकर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रही है वही अंतरिक्ष तक को अपने पैर के नीचे रौंद डाली है, रसोईघर से लेकर संसद तक और मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति के पद तक वो शुशोभित कर चुकी है। आज हम 21 वी सदी में जी रहे है, खुद को आधुनिक कहते हैं, क्या यही हमारी आधुनिकता है कि हम एक स्त्री को उसक सम्मान नहीं दे सकते, अगर उसका आदर नहीं कर सकते तो हम उसका अनादर करने का अधिकार हमे किसने दे दिया। ऐसी आधुनिकता का क्या फायदा जो हमारी सोच को न बदल सके।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ,विशिष्ट अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने प्रबंध निदेशक डा. शमीम शर्मा और प्राचार्य गणों के साथ इंटरनेशनल महिला दिवस के विजेताओं को सम्मानित किया।इस मौके पर इनर वहील क्लब सिरसा के सदस्यों ने भी डा. शमीम शर्मा से कहा कि डॉ. शमीम शर्मा ने अनेक ऐसी महिलाओं को हौसला और ताकत दी है जिसकी बदौलत वह दबंग लेडी एवं आयरन लेडी ऑफ सिरसा के नाम से प्रसिद्ध है। इस अवसर पर वूमेन डेडीकेशन मैगजीन के संपादक श्री अविनाश फुटेला को भी स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्राचार्या डॉ.अनुपमा सेतिया एवं जेसीडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने संयुक्त रुप से सभी उपस्थित जन का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजेश्वर चावला, प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश, डॉ.कुलदीप सिंह डॉ. अरिंदम सरकार, , डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता,डॉ.अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल व विद्यापीठ के रजिस्ट्रार सुधांशु गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारीगण प्राध्यापकगण व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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