Vasudhaiva Kutumbakam
वसुधैव कुटुम्बकम् के दर्शन के प्रोत्साहन हेतु मानवता के लिए करें संकल्प : ढींडसा
सिरसा 20 जून 2024: जेसीडी विद्यापीठ, सिरसा के महा निदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने विश्व शरणार्थी दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने इस दिवस को वैश्विक मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी और सहानुभूति के प्रतीक के रूप में मनाने पर जोर दिया।
प्रो. ढींडसा ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” का महान भारतीय दर्शन हमें सिखाता है कि पूरा विश्व एक परिवार है। इस विचारधारा को अपनाते हुए हमें शरणार्थियों के प्रति संवेदनशीलता और उदारता दिखानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शरणार्थी केवल सहायता के पात्र नहीं हैं, बल्कि वे भी समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, यदि उन्हें उचित अवसर और समर्थन मिले।
डॉ. ढींडसा ने बताया कि विश्व शरणार्थी दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि लाखों लोग संघर्ष, उत्पीड़न, और हिंसा के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं। हमें उनकी स्थिति को समझने और उनके पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकारों की उपलब्धता से शरणार्थियों को सशक्त किया जा सकता है।
प्रोफेसर ढींडसा ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे शरणार्थियों के प्रति अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाएं और उनके पुनर्वास में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के प्रति दया, करुणा और समर्थन से ही हम एक सच्चे वैश्विक समाज की स्थापना कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से भी अनुरोध किया कि वे शरणार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।
अंत में, प्रो. ढींडसा ने इस बात पर जोर दिया कि जेसीडी विद्यापीठ हमेशा मानवता की सेवा और वसुधैव कुटुम्बकम् के दर्शन के प्रति समर्पित रहा है। हम सभी को इस दिशा में मिलकर काम करना चाहिए ताकि हम एक ऐसा समाज बना सकें जहां हर व्यक्ति को सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार प्राप्त हो।
उन्होनें कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” का महान भारतीय दर्शन हमें सिखाता है कि पूरा विश्व एक परिवार है। इस विचारधारा के प्रोत्साहन हेतु हमें मानवता के प्रति संवेदनशीलता, उदारता और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता है। शरणार्थियों और जरूरतमंदों के प्रति दया और समर्थन से ही हम एक सच्चे वैश्विक समाज की स्थापना कर सकते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी अधिकारों की उपलब्धता से शरणार्थियों को सशक्त कर, हम समाज के उत्थान में योगदान दे सकते हैं। आइए, इस विश्व शरणार्थी दिवस पर हम सभी मिलकर मानवता के इस महान लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लें।