Sant Kabir Das Jayanti
संत कबीर दास की शिक्षाएं सत्य, अहिंसा, और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की देती हैं प्रेरणा: ढींडसा
जेसीडी में सत्य एवं अहिंसा का संदेश देने वाले, 15वीं सदी के महान कवि संत कबीर दास जी की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन ।
सिरसा 22 जून 2024: जेसीडी विद्यापीठ, सिरसा, ने आज 15वीं सदी के महान कवि एवं संत, कबीर दास जी की जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और संत कबीर दास जी के संदेशों का स्मरण किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर ढींडसा ने बताया कि संत कबीर दास जी 15वीं सदी के एक महान कवि, संत और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 1398 में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से सत्य, अहिंसा, और धार्मिक समन्वय का प्रचार किया। उनके दोहे और रचनाएं आज भी भारतीय समाज को प्रेरणा देती हैं और उनकी शिक्षा समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती है।
उन्होनें अपने संदेश में कहा, “संत कबीर दास जी ने अपने जीवन के माध्यम से जो संदेश दिया, वह आज भी प्रासंगिक है। उनकी शिक्षाएं हमें सत्य, अहिंसा, और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उनके दोहे हमें जीवन की सच्चाई को सरल और स्पष्ट रूप से समझाते हैं। आज उनकी जयंती के अवसर पर, हम सभी को उनके मार्गदर्शन को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।” उन्होनें कहा कि संत कबीर दास जी ने अपने जीवन में जो मूल्य और सिद्धांत स्थापित किए, वे आज भी हमारे समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनका संदेश था कि सभी धर्मों और जातियों के लोग समान हैं और हमें अपने भीतर की बुराइयों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। उनकी शिक्षाएं हमें प्रेम, भाईचारे और सहिष्णुता के महत्व को समझाती हैं।
जेसीडी विद्यापीठ के जनसंपर्क निदेशक डॉक्टर जय प्रकाश ने कहा कि, जेसीडी हमेशा से ही सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहा है। इस अवसर पर विद्यापीठ ने एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने संत कबीर दास जी के जीवन और उनके संदेशों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने कबीर दास जी के दोहों का पाठ किया। उन्होनें कहा कि संत कबीर दास जी की जयंती हमें उनके द्वारा दिए गए सत्य और अहिंसा के संदेश को याद दिलाने का अवसर है।