A Tribute ceremony on the birth anniversary of great revolutionist Ram Prasad Bismil ji
राम प्रसाद बिस्मिल न केवल एक महान क्रांतिकारी थे, बल्कि एक उत्कृष्ट कवि और लेखक भी थे: ढींडसा
जीसीडी विद्यापीठ में महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह।
सिरसा 11 जून 2024: आज जीसीडी विद्यापीठ में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर उन्हें विनम्र पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर आयोजित समारोह जेसीडी के प्राचार्यगण , अधिकारीगण , शिक्षकों , गैर शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महा निदेशक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा थे, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके पश्चात राम प्रसाद बिस्मिल जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। उपस्थित सभी लोगों ने बिस्मिल जी के बलिदान को याद करते हुए मौन धारण कर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य अतिथि डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने संबोधन में राम प्रसाद बिस्मिल जी के अद्वितीय योगदान और बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा राम प्रसाद बिस्मिल जी न केवल एक महान क्रांतिकारी थे, बल्कि एक उत्कृष्ट कवि और लेखक भी थे। उन्होंने अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में जोश और उत्साह भरने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उनकी रचनाएं ‘सरफरोशी की तमन्ना’ जैसी अमर कविताओं के रूप में आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। बिस्मिल जी ने अपनी लेखनी के जरिए समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया। उनका साहित्यिक योगदान उन्हें केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि एक महान साहित्यकार के रूप में भी स्थापित करता है।
डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि राम प्रसाद बिस्मिल की प्रसिद्ध कविता “सरफरोशी की तमन्ना” की ये चार लाइनें ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है। वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां, हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है। हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर देश की सेवा करनी चाहिए।” डॉक्टर ढींडसा ने छात्रों को बिस्मिल जी के जीवन से प्रेरणा लेने और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के जनसंपर्क निदेशक डॉक्टर जयप्रकाश ने भी राम प्रसाद बिस्मिल जी के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बिस्मिल जी ने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। उनके बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और हमें यह सिखाया कि देश की आजादी के लिए किसी भी हद तक जाना आवश्यक है।
समारोह के दौरान जेसीडी विद्यापीठ के कॉलेज के स्टाफ ने भी राम प्रसाद बिस्मिल जी के जीवन पर प्रकाश डालकर राम प्रसाद बिस्मिल जी के जीवन और उनके योगदान को जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। स्टाफ की ओर से मुख्य अतिथि डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे राम प्रसाद बिस्मिल जी के आदर्शों और विचारों को अपने जीवन में उतारकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे।
इस समारोह ने सभी को देशभक्ति और बलिदान के महत्व को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। राम प्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि थी, बल्कि एक प्रेरणा स्त्रोत भी था, जो आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।