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Deteriorating Air Quality in Haryana
  • By Davinder Sidhu
  • November 7, 2023
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Deteriorating Air Quality in Haryana

हरियाणा में वायु की बिगड़ती गुणवत्ता चिन्ता का विषय: डा. ढींडसा

सिरसा 04 नवंबर 2023: अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ सिरसा के महानिदेशक डा. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि सोनीपत और पानीपत में हवा की गुणवत्ता खराब तक पहुंच गई है और वीरवार को फतेहाबाद और हिसार में गंभीर दर्ज की गई है। सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पानीपत में 293 और सोनीपत में 281 था। तापमान में धीरे-धीरे गिरावट के साथ विभिन्न जिलों में हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, फतेहाबाद और हिसार क्रमशः 420 और 405 एक्यूआई के साथ गंभीर श्रेणी में हैं। बहादुरगढ़, रोहतक, कैथल, भिवानी और फरीदाबाद क्रमशः 382, 378,377, 365 और 348 के एक्यूआई के साथ बहुत खराब श्रेणी में थे।

डा. ढींडसा ने कहा कि वीरवार के एक्यूआई के आंकड़ो के अनुसार चरखी दादरी (298), कुरूक्षेत्र (295) पानीपत (293), सोनीपत (281), सिरसा (247), करनाल (267), धारूहेड़ा (246), बल्लभगढ़ (235) और गुरुग्राम (238) खराब श्रेणी में हैं जबकि अन्य जिले मध्यम श्रेणी में आते हैं।

इस बीच, राज्य में खेत में आग लगने की 99 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे राज्य में अब तक कुल संख्या 1,296 हो गई है।

अकेले सोनीपत जिले में अब तक आग लगने की कुल 74 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से 36 आग खेतों से और दो कचरा जलाने से लगी थीं। पराली जलाने के लिए तीन किसानों पर मामला दर्ज किया गया है, जिससे ऐसे मामलों में कमी आनी शुरू हो गई है,

डा. कुलदीप ढींडसा ने कहा कि बिगड़ती हवा की गुणवत्ता लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, खासकर उन लोगों पर जो सांस या हृदय रोगों, अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित हैं।

विशेषज्ञों ने श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में चलने की सलाह दी हैं क्योंकि बिगड़ती वायु गुणवत्ता से सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों, नाक और गले में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डाक्टरों के अनुसार, लोगों को शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी और तरल पदार्थ पीने चाहिए।

डा. ढींडसा के अनुसार स्वस्छ वायु के लिए हमें कोयले तथा पैट्रोलियम पदार्थो पर निर्भरता कम करनी होगी। जहां तक हो सके इलैक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें। कार्यालय जाने के लिए वाहनों को सांझा करना तथा पांच किलोमीटर तक की दूरी के लिए साईकिल का उपयोग करना एक अच्छी पहल होगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में शनिवार व रविवार को ‘ नो पैट्रोलियम डे’घोषित करके भी वायु की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सकता हैं।

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