Follow us:-
Haryana Day Celebration at JCD Vidyapeeth
  • By
  • November 1, 2021
  • No Comments

Haryana Day Celebration at JCD Vidyapeeth

लोक संस्कृति, देशभक्ति कार्यक्रम के साथ मनाया गया हरियाणा दिवस
सांस्कृतिक उत्सवों से हमें अपने अतीत, वर्तमान व भविष्य की झलक देखने को मिलती है: उषा दहिया

सिरसा-1 नवम्बर 2021 – जननायक चौ.देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में हरियाणा दिवस समारोह बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साहपूर्वक मनाया गया। समारोह का शुभारम्भ व मुख्यातिथि समाज सेविका श्रीमती उषा दहिया एवं अध्यक्षता विद्यापीठ की प्रबन्ध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा वं विशिष्ट अतिथि भारत भूषण प्रधान ने विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनुपमा सेतिया, जेसीडी डेन्टल कॉलेज के निदेशक डॉ. राजेश्वर चावला, जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश, डॉ. अरिन्दम सरकार, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. दिनेश गुप्ता, डॉ. शिखा गोयल के अलावा जेसीडी विद्यापीठ के कुलसचिव सुधांशु गुप्ता अनेक गणमान्य लोग एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम जेसीडी एजुकेशन कॉलेज एवं जेसीडी मेमोरियल कॉलेज के विद्यार्थियों का रिकॉर्डेड सॉन्ग का अनुमोदन किया गया । कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.शमीम शर्मा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि इस उत्सव का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर विद्यापीठ परिसर में किया गया। महिलाओं व पुरुषों के लिए हरियाणवी पोशाक मुकाबला, इन्टर कालेज हरियाणवी समूह व युगल नृत्य प्रतियोगिता कार्यक्रम के दौरान रंग भर दिया जाएगा।उन्होंने हरियाणा निर्माताओं को याद करते हुए चौ.देवीलाल जी के योगदान का व्याख्यान किया। इस शुभ अवसर पर दीपावली व हरियाणा दिवस की बधाई देते हुए डॉ.शमीम शर्मा ने कहा कि हरियाणा नाम, हरि (हिंदू भगवान विष्णु) और आयन (घर) से, जिसका मतलब है “भगवान का निवास।” भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। भारत में हरियाणा यात्री कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। हाेली, दिवाली, तीज, गुग्गापीर, और सॉझी यहॉ के प्रमुख पर्व हैं। गुडगांव स्थित सुल्तान पुर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है।

मुख्यातिथि श्रीमती उषा दहिया ने कहा कि सांस्कृतिक उत्सवों से हमें अपने अतीत, वर्तमान व भविष्य की झलक देखने को मिलती है। हमारे रहन-सहन, खानपान, रीति रिवाजों का बोध गीत, रागनी, नृत्य के माध्यम से होता रहता है। दुनिया को देखने समझने का नजरिया हमें अपने सामाजिक, सांस्कृतिक माहौल से ही प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि समाज में संवेदना और आत्मीयता का अहसास स्वस्थ गतिविधियों के आयोजनों में शामिल होने से होगा।

छात्राओं की ओर से हरियाणवी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। गीत के बोल थे, मैं तो छैल छबीली नार, ओ नौरंगी चेहरे आले – गीत में नायिका अपनी खूबसूरती पर इतराकर नायक से संवाद कर रही है और उसके भी खूबसूरत होने का अहसास करा रही है। नृत्य गीत में पंक्तियां और एक्शन में सधा हुआ संतुलन दिखाई दिया। राज्य स्तरीय सांस्कृतिक महोत्सव को लेकर आयोजन स्थल को हरियाणवी संस्कृति के रंग में रंगा गया था। प्रवेश से लेकर सांस्कृतिक मंच तक सभी जिलों की पहचान या विशेषताओं के अलग-अलग फ्लैक्स बोर्ड के साथ-साथ खूबसूरत साज-सज्जा भी की गई थी। निर्यांक मंडल की भूमिका करण लड्डा , सविता दहिया , मोनिका गोदारा द्वारा की गई । निर्णायक मंडल द्वारा युगल नृत्य में प्रथम जेसीडी इंजीनियरिंग कॉलेज, द्वितीय स्थान जेसीडी डेंटल कॉलेज व जेसीडी ममोरियल कॉलेज सिरसा, समूह नृत्य में प्रथम स्थान जेसीडी डेंटल कॉलेज व द्वितीय स्थान जेसीडी ममोरियल कॉलेज , हरियाणवी पोशाक प्रतियोगिता में महिला वर्ग में किरण जेसीडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन एवं मनीषा जेसीडी ममोरियल फार्मेसी कॉलेज पुरुष वर्ग में लवीश जेसीडी ममोरियल कॉलेज , एवं संतोष जेसीडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने प्राप्त किया।

× How can I help you?