Inauguration of Multidisciplinary National Seminar – JCDV
जेसीडी विद्यापीठ में बहुविषयक राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ, अनेकों क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने की शिरकत।
पढ़ाते समय अपने विद्यार्थियों की प्रशंसा जरूर करें: कर्नल जगदेव सिंह ।
सिरसा,28 फरवरी 2023 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मैमोरियल कॉलेज और जेसीडी कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट की तरफ से एक दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें इनोवेशन इन साइंस, ह्यूमैनिटीज़,एजुकेशन, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स से जुड़े विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बठिंडा की आदेश यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर कर्नल जगदेव सिंह,पीडीएम यूनिवर्सिटी, बहादुरगढ़ के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. ए.के. बख्शी ऑनलाइन मध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़े। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रो. डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने की और जेसीडी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार डॉ. सुधांशु गुप्ता , प्राचार्य डॉक्टर जय प्रकाश, दिनेश कुमार गुप्ता भी उनके साथ मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया और इस दौरान जेसीडी विद्यापीठ के सभी कॉलेजों के प्राचार्यगण भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शिखा गोयल व डॉ. हरलीन कौर और उनकी टीम ने मुख्य अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उसके पश्चात मुख्य अतिथियों की ओर से कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत होने वाले शोध पत्रों पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया।
जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रो. डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सेमीनार का मुख्य उद्देश्य रिसर्च की नई तकनीक की जानकारी साझा करना, शोधार्थियों के संशय को दूर करना, शोधार्थियों को उनके नए विचार पेश करने का मौका प्रदान करना है।उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में शोधार्थी,विद्यार्थी और प्राध्यापक आपस में अपने विचारों का आदान प्रदान कर पाएंगे और विशेषज्ञों के विचार सुनकर उनसे ज्ञान अर्जन कर पाएंगे।
मुख्य अतिथि कर्नल जगदेव सिंह वाइस चांसलर आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा ने अपने संबोधन में कहा टीचर को कक्षा में अपने विद्यार्थियों की प्रशंसा जरूर करनी चाहिए। उन्होंने उच्च शिक्षा को बदलने को अपनाना पर भी बल दिया ।अपने संबोधन में कहा कि एजुकेशन का फायदा तभी है जब हम उस एजुकेशन के माध्यम से इस समाज को कुछ दे पाए।उन्होंने कहा कि नवाचार के दौरान हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट की प्रक्रिया के उद्देश्यों को भी ध्यान में रखना होगा। इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेट को 21वीं सदी का इंधन बताते हुए कहा कि करोना जैसी महामारी ने हम सब को बता दिया कि इंटरनेट का क्षेत्र कितना विस्तृत है और उसका किस तरह से प्रयोग किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि डॉ. ए.के बक्शी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विचार रखते हुए शिक्षण के भविष्य को लेकर अपने बहुमूल्य विचारों और केस स्टडी को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सीखना एक जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है यहां तक कि एक बच्चा जन्म लेते ही सीखना शुरू कर देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी मायने रखती है जब वह बदलते हुए समाज में अपना प्रभाव छोड़ पाए। डॉ. बक्शी ने बताया कि उत्तम ज्ञान, कौशल और व्यक्तित्व तीनों का मेल ही आज के युग में कामयाबी का एक मात्र सूत्र है।
इस दौरान पूरे हरियाणा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली एनसीआर व भारत के अन्य राज्यों से 250 के करीब शोधार्थी अपने-अपने विषय पर रिसर्च पेपर के साथ पहुंचे।इस सेमीनार में सोशल साइंस रिसर्च, सूचना प्रोद्योगिकी में नएं अविष्कार, भौतिकी और जीवन विज्ञान में नए शोध, ग्लोबल मैनेजमेंट और व्यापार में आए बदलाव, मानविकी में अनुसंधान ,शिक्षा में रचनात्मकता, प्रौद्योगिकी-वर्धित शिक्षा, शिक्षक, शिक्षा और मूल्यांकन, इंजीनियरिंग में नवीनतम रुझानों, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों समेत अनेकों अन्य विषयों पर शोधपत्र सबमिट करवाए गए।इस अवसर पर डॉक्टर मंजू नेहरा , डॉक्टर अमरीक गिल , डॉक्टर अनिता , डॉक्टर रणदीप कौर उपस्थित रहे।