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International Conference-2018 held at JCDV
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  • March 27, 2018
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International Conference-2018 held at JCDV

जेसीडी विद्यापीठ में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता

जेसीडी विद्यापीठ सिरसा में जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के सौजन्य से सभागार कक्ष में दूसरे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विज्ञान, प्रबंधन, शिक्षा और प्रौद्योगिकी में हाल के शोध और नवाचार विषय (ICRRISMET-2018) का विधिवत् शुभारम्भ किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, भठिंडा के कुलपति प्र®.(डॉ.) आर.के.कोहली ने शिरकत की। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता प्रबंधन समन्वयक श्री आकाश चावला और विद्यापीठ के शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक ने की। जननायक चौधरी देवी लाल शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। विद्यापीठ के शैक्षणिक निदेशक डॉ.मलिक ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और अपने सम्बोधन में कहा कि आज के मुख्यातिथि युवा शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि आज का शोधकर्ता सृजनात्मक विकास तथा सूचना संसाधन सिद्धांत जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सृजनात्मक विकास ने शिक्षकों के अधिगम के प्रति दृष्टिकोण को बदला है। अनुसंधान के एजेंडे को उच्च शिक्षा स्तर पर इनकी प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है। शिक्षकों और छात्रों में अनुसंधान क्षमताओं को विकसित किया जा रहा है। उन्होंनें कहा कि सरकार द्वारा संकाय विकास में निवेश और अनुसंधान के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने तथा अनुसंधान के क्षेत्र में संस्थाओं के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने की भी जरूरत है।

मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता प्र®.(डा.) आर.के.कोहली ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए, नवीनतम ज्ञान, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अभियंता (इंजीनियरिंग) आवश्यक मौलिक वस्तुएं हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभाव में एक देश पिछड़ जाता है। विकास, चाहे वो देश का हो या फिर व्यक्ति का, यह बहुत तरीकों से तकनीकियों की उचित वृद्धि और विकास से जुड़ा हुआ है। तकनीकी उन्नति वहाँ होती है, जहाँ विज्ञान में उच्च कौशल और पेशेवर वैज्ञानिकों के द्वारा नए अविष्कार होते हैं। हम यह कह सकते हैं कि तकनीकी, विज्ञान और विकास में एक दूसरे की समान भागीदारी है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देश के लोगों के लिए दूसरे देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बहुत अधिक आवश्यक है। भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता है। भूगोलिक दृष्टि से आज भारत तीनों ओर समुन्द्र से घिरा हुआ है तो एक ओर हिमालय जैसा युवा पर्वत, इतनी प्राकृतिक सम्पदा होने के बवजूद भारत आज विकासशील देशों की श्रेणी में है क्योंकि भारत में शोध-क्षेत्र में उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना अमेरिका जैसे विकसित देशों में दिया जाता है। डॉ कोहली ने नवीन्तम उर्जा पर जोर देने का आहावान किया।

मुख्य वक्ता के रूप में नाइजेरिया से आये हुए मोहमद आदम युनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी, योला के सूचना एवम् तकनिकी विभाग के प्रो.अबूबकर मोहम्मद ने अपने सम्बोधन में कहा कि विज्ञान और तकनीकी का विकास तथ्यों के विशलेषण और उचित समझ पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का विकास सही दिशा में विभिन्न वैज्ञानिक ज्ञान के आवेदन के तरीकों पर निर्भर करता है। प्रो.मोहम्मद ने कहा कि हमारी भावी प्रगति अधिक से अधिक नवान्वेषण करके औद्योगिक सेक्टर के लिए दक्षतापूर्ण प्रक्रियाओं का तथा शासन के बेहतर समाधानों का विकास करने पर निर्भर करेगी। व्यापार, सरकार, शिक्षा तथा समाज जैसे सभी सेक्टरों तक नवान्वेषण की भावना का समावेश होना जरूरी है। भारतीय नवान्वेषण कार्यनीति में ऐसे विचारों की उत्पत्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो समावेशी विकास को बढ़ावा दें तथा सामाजिक-आर्थिक सोपान पर सबसे नीचे स्थित लोगों को लाभ पहुंचाए। ऐसे बहुत से जमीनी स्तर के नवान्वेषण हैं जिन्हें प्रौद्योगिकी सहयोग से उपयुक्त उत्पादों में निर्मित किया जा सकता है। हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों को ऐसे नवान्वेषी प्रयासों में परामर्श देने की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नाइजेरिया से पधारे प्रो. सालिहू अहमद एवम् मोहम्मद अब्बा अलकली ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक सचिव डॉ राजेन्द्र कुमार ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के सभी कॉलेजों के प्राचार्यगण व रजिस्ट्रार श्री सुधांशु गुप्ता एवम् समस्त स्टाफ सहित डॉ अतुल कुमार शर्मा, सी.ई.ओ कॉन्फ्रेंस वर्ल्ड व के.जी.आई.टी.एम गाजियाबाद के इलैक्ट्रोनिक्स विभागाध्यक्षा डॉ रेणु गुप्ता सहित सिरसा जिला के अनेक संस्थानों के प्राचार्यगण एवं बाहर से अतिथिगण व अनेक शोधार्थी उपस्थित रहे।

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