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National Seminar held at JCDV
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  • March 16, 2018
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National Seminar held at JCDV


जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में बहुविषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
नई चीजों को खोजना ही है शोध का वास्तविक लक्ष्य: प्रो. पी. रामाराव

विद्यापीठ में स्थापित मेमौरियल कॉलेज में शुक्रवार को एक दिवसीय बहुविषयक शोध में नवोन्मेषी प्रवृतियों एवम् नये आयामों का बहुकोणीय अन्वेषण विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का विधिवत् आयोजन किया गया, जिसके शुभारंभ अवसर पर पंजाब के बठिण्डा स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठता प्रो. पी. रामाराव बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। वहीं इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार से प्रो.एन.के. बिश्नाई ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उधर इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर जेसीडी विद्यापीठ प्रबंधन समन्वयक इंजी.आकाश चावला व शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक उपस्थिति रहे। इस सेमिनार की अध्यक्षता मैमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप स्नेही द्वारा करते हुए सभी अतिथिगणों एवं अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत किया गया। इस सेमिनार का प्रारंभ सभी अतिथिगणों, जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगणों व अन्य अधिकारीगणों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

इस अवसर पर सर्वप्रथम अपने संबोधन में डॉ.आर.आर.मलिक ने सभी अतिथियों एवं शोधार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान में शोध से जुड़े सेमिनार महत्वपूर्ण होते है। समय-समय पर इस प्रकार के शोधपरक कार्यक्रम से हमें शोध के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण प्रयोंगों व तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है तथा शोध के माध्यम से ही नवीनतम विधियों, तकनिकों को शिक्षण के क्षेत्र में उपयोग करके उसका बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक शोधार्थी की सोच दूरदर्शी होनी चाहिए तथा उसे अपने विषय पर बेहतर प्रयोग आधारित तथा आंकड़ों की शोध प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि उसका बेहतर परिणाम सामने आ सके।

बतौर मुख्यातिथि प्रो. पी. रामाराव ने अपने संबोधन में बताया कि रिसर्च का अर्थ है कि किसी भी विषय पर नई चीजों को ढूढना। किसी भी कम्पनी या संस्थान के लिए रिसर्च का बहुत महत्व होता है। रिसर्च का हर क्षेत्र में अपना महत्व है क्योंकि रिसर्च के द्वारा नई चीजे नई जानकारी सामने निकलकर आती है। उन्होंने कहा कि शोधार्थी अपनी सोच को बेहतर बनाएं एवं शोधकार्य में गुणवत्ता लाने हेतु विषय न भटककर उसमें गहनता से अध्ययन करें ताकि वह सफलता हासिल कर सकें।

इस मौके पर सेमिनार में विभिन्न विषयों पर आधारित कुल पांच तकनीकी चरणों में चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा से पधारे हुए विशेषज्ञों प्रो.दीप्ति धर्माणी, प्रो.विष्णु भगवान, प्रो.विक्रम सिंह, प्रो.रविन्द्रपाल अहलावत, प्रो.सुशील कुमार, डॉ दलबीर सिंह, डॉ राजेश मलिक, डॉ जोगिंद्र दुहन और डॉ सुरेंद्र कूण्डू के अलावा अन्य द्वारा भी अपने-अपने विषयों पर अपने अनुभव एवं नवीनतम जानकारियां सांझा की गई। इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश-प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विषयों में हुई नई शोध तकनीकों व नवोन्मेषी प्रवृतियों पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्यातिथि प्रो.एन.के.बिश्नाई ने अपने सम्बोधन में कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली है कि आपको इतना बेहतर व विशाल हरा-भरा कैम्पस मिला है जहां अपने शोधकार्य को बेहतर तरीके से कर सकते हैं इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रत्येक क्षेत्र में नंबर वन है तथा अपने प्रयासों से सदैव यह नंबर वन ही रहेगा परंतु उसके लिए हमें मिल-जुलकर इसके रन रेट को ऊपर लेकर जाना होगा तभी यह संभव है। आर्थिक विशेषज्ञों का यह मत है कि 2030 तक हरियाणा पूर्व विकसित होकर विदेशों की बराबरी करने लगेगा परंतु इसे स्वीकार कर पाना असंभव सा प्रतीत होता है। प्रो.बिश्नोई ने कहा कि रिसर्च का प्रत्येक क्षेत्र में अपना महत्व है इसीलिए प्रत्येक शोधार्थी को अपने विषय सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी अर्जित करके उसके बारे में आंकड़े सहित अपना शोध प्रस्तुत करना चाहिए।

प्रो.विष्णु भगवान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि शोधार्थियों को यदि शोधकार्य करना है तो ऐसी शोध करनी चाहिए जो देश के विकास कार्य में काम आ सके। जब तक किसी रिसर्च का सकारात्मक पहलू न हो उस रिसर्च का कोई महत्व नहीं होता। देश की भलाई के लिए काम करना इससे बड़ा कोई और उद्देश्य नहीं हो सकता। चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग के प्रो.अमित सांगवान ने बताया कि वर्तमान में मीडिया ही एकमात्र ऐसा साधन है जो देश-दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करता है। इस प्रकार मीडिया के क्षेत्र में शोध के लिए नित नये-नये क्षेत्र उभरकर सामने आ रहे है, जिनमें शोध की जरूरत है। आज मीडिया हाउस के पास चैलेंज है कि संस्थान की टी.आर.पी किस प्रकार बढाई जाऐ, किस प्रकार लिडरशिप को बढाया जाए तो यह सब शोध के द्वारा ही संभव है।

इस अवसर पर अतिथिगणों के द्वारा शोध से संबंधित एक सम्पादित पुस्तक जिसमें बहुविषयक गुणवत्ता परक शोध पत्र संकलित किये गये है का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रदीप स्नेही ने आऐ हुए सभी अतिथिगणों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों व मीडियाकर्मियों व अन्य गणमान्य लोगों का धन्यवाद करते हुए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के प्राध्यापकगणों के अलावा समस्त विद्यार्थीगण एवं अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

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