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Oath taking ceremony & National Unity Day
  • By Davinder Sidhu
  • November 2, 2023
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Oath taking ceremony & National Unity Day

देश की अखंडता को बनाए रखना हमारा संवैधानिक कर्तव्य और मानव धर्म भी: डॉ. ढींढसा

सिरसा 31 अक्टूबर 2023: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित शिक्षण एवं मैमोरियल कॉलेज , इंजीनियरिंग एवं आईबीएम के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया । इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा मुख्य अतिथि थे । इन कार्यक्रमों की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्यगण डॉ. जय प्रकाश ,डॉक्टर शिखा गोयल , डॉक्टर हरलीन कौर और डॉक्टर दिनेश कुमार द्वारा की गई।

इस अवसर पर सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों को सर्वप्रथम राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ दिलाई गई तथा जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की ओर से विभिन्न गतिविधियां करवाई गईं, जिनमें राष्ट्रीय एकता परेड़,रन फॉर यूनिटी, राष्ट्रीय एकता प्रतिज्ञा,पौधारोपण व भारत की अखंडता को लेकर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कॉलेज की एनसीसी यूनिट की ओर से परेड़ का आयोजन भी किया गया व एनएसएस विंग द्वारा एक दिवसीय कैंप लगाया गया जिसमें स्वयं सेवकों ने पौधारोपण,सफाई के साथ-साथ देश की अखंडता और एकता की सुरक्षा का प्रण भी लिया । इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉक्टर सुधांशु गुप्ता, स्पोर्ट्स ऑफिसर डॉ. अमरीक गिल , एनसीसी इंचार्ज , एनएसएस प्रभारी भी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। देश के लिए उनके असाधारण कार्यों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने भारत को एकजुट रखने के लिए कड़ी मेहनत की थी। भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत देश के एकीकरण के लिए उनके प्रयासों को कभी भी बुलाया नहीं जा सकता। भारत की युवा पीढ़ी को उनके कार्यों एवं विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए और वे चाहे किसी भी क्षेत्र में हों उन्हें देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए । उन्होंने सरदार वल्लबभाई पटेल के महान योगदान को उजागर करते हुए बताया की कैसे उन्होंने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी देसी रियासतों का भारत में विलय कराया था। ऐसा कर के उन्होंने भारतीय एकता के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा कि यदि हम भारतवासी अपने में निहित अनेक विभिन्नताओं के कारण छिन्न भिन्न हो गये तो हमारी फूट का लाभ उठा कर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे देश की स्वतंत्रता की रक्षा और राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्रीय एकता का होना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता को बनाए रखना हमारा संवैधानिक कर्तव्य और मानव धर्म भी है।

डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि देश के विभिन्न धर्मों में, भाषाओं तथा जातियों के आधार पर देश के हित के लिए देश-प्रेम और देश भक्ति की भावनाओं की एकता को राष्ट्रीय एकता कहते हैं । राष्ट्रीय एकता के लिए दो नागरिकों में एकता की भावना और राष्ट्र हित के समक्ष अपने हितों का त्याग दो मुख्य तत्व हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता देश की राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है. इसका मूल है अहं और स्वार्थ. यही कारण है कि राष्ट्र की भावात्मक एकता के लिए अहं-विसर्जन और स्वार्थ-विसर्जन को मैं बहुत महत्व देता हूं. जातीय असमानता भी राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है। डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि राष्ट्रीय एकता लोगों के बीच मतभेदों को पाटने में मदद करती है और सद्भाव और समझ को बढ़ावा देती है । शांति और स्थिरता: राष्ट्रीय एकता देश में शांतिपूर्ण और स्थिर वातावरण बनाने में मदद करती है। यह विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष और तनाव को रोकने में मदद करता है और आपसी सम्मान और सहयोग को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा एनसीसी कैडेट को सर्टिफिकेट भी वितरित किए गए।

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