School Principals Seminar on Role of ICT in Schools)
जेसीडी इंजी. कॉलेज में ‘आईसीटी का शिक्षा में महत्वÓ विषय पर सेमिनार आयोजित
तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए आईसीटी आधारित शिक्षा जरूरी : डॉ. अमनदीप कौर
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सिरसा 18 दिसम्बर, 2016 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा ‘सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) का स्कूली शिक्षा में महत्वÓ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें सिरसा जिला एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में स्थापित विभिन्न स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा हिस्सा लिया गया। इस कार्यक्रम में सिरसा की जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. मधु मित्तल बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुई, वहीं इस कार्यक्रम में केन्द्रीय विश्वविद्यालय भटिण्डा से सहायक प्रोफेसर डॉ. अमनदीप कौर ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित होकर अपना वक्तव्य रखा। इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंधन समन्वयक इंजी. आकाश चावला, शैक्षणिक निदेशक डॉ. आर.आर. मलिक, विद्यापीठ के रजिस्ट्रार श्री सुधांशु गुप्ता व इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हिमांशु मोंगा सहित जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा मुख्यातिथि महोदया तथा मुख्य वक्ता का स्वागत किया। सभी अतिथियों द्वारा इस मौके पर मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
सर्वप्रथम अपने संबोधन में विद्यापीठ में पधारे समस्त विद्यालयों के प्रार्चागणों एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए शैक्षणिक निदेशक डॉ. आर.आर. मलिक ने कहा कि तकनीकी शिक्षा का विद्यालयों में अद्भुत महत्व है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सेमिनार विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं, आज जब देश बदल रहा है तो हमें भी शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों के प्रति सचेत रहना चाहिए और समाज को भी जागरूक करना चाहिए तथा यही एक अच्छे शिक्षण संस्थान का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेसीडी विद्यापीठ में इसी उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु हम सभी कृतसंकल्प हैं।
इस सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए डॉ. अमनदीप कौर ने सर्वप्रथम आईसीटी प्रणाली का वास्तविक अर्थ बताते हुए कहा कि आज स्कूली पाठ्यक्रम में आईसीटी आधारित शिक्षा को शामिल करने की आवश्यकता है क्योंकि यह समय की मांग भी है तथा इस प्रणाली में विद्यार्थियों को चित्रों के माध्यम से उदाहरण देकर पढ़ाया जाता है जिससे उनको याद रखने में आसानी होती है। डॉ. कौर ने कहा कि आज का समय कम्प्यूटर का है तथा इंटरनेट के माध्यम से विद्यार्थी किसी भी पुस्तक को आसानी से पढ़ सकते हैं, इसके साथ-साथ किसी भी विषय से सम्बन्धित ऑडियो व विडियो सामग्री भी आसानीपूर्वक प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आईसीटी प्रणाली को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए मील का पत्थर साबित होने की भी बात कही।
मुख्यातिथि के तौर पर अपने संबोधन में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. मधुबाला मित्तल ने कहा कि सरकार के डिजीटल इंडिया के सपने को सच साबित करने के लिए आईसीटी आधारित शिक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि अगर एक विद्यार्थी को तकनीकी शिक्षा का ज्ञान है तो वह अपने पूरे परिवार को इससे अवगत करवा सकता है। डॉ. मित्तल ने कहा कि सरकार भी आईसीटी को स्कूलों में लागू करने के लिए प्रयासरत्त हैं तथा एजुसैट शिक्षा इसका ही एक उदाहरण है। वहीं उन्होंने संस्थान द्वारा इस बेहतर विषय पर आयोजित किए गए इस सेमिनार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बारे जानकारी प्रदान करके ही इसे कामयाब बनाया जा सकता है।
इस सेमिनार में उपस्थित हुए अतिथियों एवं अन्य गणमान्य लोगों का आभार प्रकट करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हिमांशु मोंगा ने जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंधन समिति का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमारे संस्थान द्वारा विद्यार्थियों को आईसीटी शिक्षा के साथ-साथ अन्य बेहतर ज्ञान प्रदान करवाने के लिए समय-समय पर ऐसे आयोजनों को करवाया जाता है। वहीं क्षेत्र के एक अग्रणी शिक्षण संस्थान होने के नाते जेसीडी विद्यापीठ का यह फर्ज बनता है कि शिक्षा के क्षेत्र में आए महत्वपूर्ण बदलावों व सुधारों को पूरे समाज के साथ सांझा करें। डॉ. मोंगा ने इस सेमिनार में पहुंचने वाले समस्त विद्यालयों के प्राचार्यों तथा अन्य अतिथियों का तहेदिल से आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में ईसीई की सहायक प्रो. रिया कालरा द्वारा मंच संचालन करते हुए विद्यापीठ द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न अन्य बेहतर सुविधाओं एवं शिक्षा बारे सभी को अवगत करवाया। इस सेमिनार में जिला व आसपास के क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यगणों, मुख्याध्यापकों सहित, जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण, इंजीनियरिंग के स्टाफ के अलावा अन्य अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।