Teachers Day Celebration – JCD Vidyapeeth
जेसीडी विद्यापीठ में मनाया गया शिक्षक दिवस, शिक्षकों को किया गया सम्मानित
एक शिक्षक में साधारण पत्थर को तरासकर उसे हीरा बनाने की क्षमता निहित : डॉ. शमीम शर्मा
सिरसा 5 सितम्बर, 2020 : शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में जेसीडी विद्यापीठ द्वारा सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए एक साधारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जेसीडी विद्यापीठ की प्रबन्ध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. जयप्रकाश द्वारा की गई थी। इस मौके पर उनके साथ जेसीडी डेन्टल कॉलेज के निदेशक डॉ. राजेश्वर चावला, विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य डॉ. अरिन्दम सरकार, डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता व श्री सुधांशु गुप्ता के अलावा सभी कॉलेजों के शिक्षक भी मौजूद रहे। वहीं इस मौके पर शिक्षकों के सम्मान में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी शिक्षकों द्वारा एक-एक पौधा लगाया गया। इस कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. शिखा गोयल द्वारा सभी अतिथियों एवं शिक्षकों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया गया।
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इस मौके पर प्रबन्ध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने सभी अध्यापकों को प्रेरित किया कि वे अपने आचरण से छात्रों के हृदय में एक महत्वपूर्ण व अमिट स्थान बनाएं और उनके सामने आदर्श नागरिक का उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए एक छायायुक्त वट वृक्ष के समान होता है इसीलिए उन्हें अपने ज्ञान की जड़ों को मजबूत बनाना चाहिए ताकि उनकी छाया अधिक से अधिक छात्रों को लाभान्वित कर सके और अध्यापक सिर्फ आमदनी के लिए नही बल्कि विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर काम करे। उन्होंने अपने पुराने विद्यार्थियों को याद करते हुए कहा के वे आज भी उन्हें कभी शिक्षक दिवस की बधाई देना नही भूलते। डॉ. शर्मा ने कहा कि छात्र वही आचरण अपनाने का प्रयास करते हैं जो उनके गुरु द्वारा अपनाया जाता है, इसलिए एक अध्यापक को अपने जीवन में सदैव सद्गुणों का समावेश करना चाहिए ताकि विद्यार्थी उनके सदाचरण का अनुसरण कर सके। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक में वो क्षमता होती है जो साधारण से पत्थर को तराशकर उसे एक बहुमूल्य हीरा बना सकता है। उन्होंने कहा कि छात्र तो कच्ची मिट्टी के समान होता हैं, उन्हें किस रूप, रंग व आकार में ढलना है, उन्हें जीवन में किस मुकाम पर पहुंचाना है, यह सब एक योग्य शिक्षक पर ही निर्भर करता है। जीवन में किसी भी चीज का मोल चुकाया नहीं जा सकता है, किसी भी कर्ज को उतारा जा सकता है परंतु एक योग्य, अनुभवी शिक्षक के ज्ञान का और हमारे जीवन पर उसके प्रभाव का मूल्य कभी भी नहीं चुकाया जा सकता है। कहा कि गुरु शब्द का अर्थ ही, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला है।
प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने मुख्यातिथि व सभी उपस्थित जन का धन्यवाद करते हुए कहा कि छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तिव निर्माण व विकास में अध्यापक वर्ग की अहम भूमिका होती है इसलिए अध्यापक को पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तिव निर्माण व विकास में अध्यापक वर्ग की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अध्यापक का जीवन एक जलती हुई मशाल की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, इसलिए अध्यापक को पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए और छात्रों को बेहतर नागरिक बनने की प्रेरणा देनी चाहिए।
इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के सभी कॉलेजों के प्राचार्य, प्रोफेसर्ज़ व अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित थे। इस अवसर पर सभी शिक्षकों के सम्मान में केक भी काटा गया।