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Tejaswini Sangam International Award 2021 on the occasion of International Women’s Day
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  • March 8, 2021
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Tejaswini Sangam International Award 2021 on the occasion of International Women’s Day

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तेजस्विनी संगम इंटरनेशनल अवार्ड 2021 का रंगारंग कार्यक्रम
वहीं राष्ट्र विकास कर सकता है जिस राष्ट्र में नर और नारी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है: डॉ.सुनीता चौधरी

सिरसा 8 मार्च, 2021 ; जेसीडी विद्यापीठ सिरसा में 6 मार्च से 8 मार्च, 2021 तक अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तेजस्विनी संगम इंटरनेशनल अवार्ड 2021 का आयोजन चल रहा है जिसमें कार्यक्रम की संरक्षक जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा हैं। जेसीडी विद्यापीठ के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आज सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि हरियाणा की आयुष विभाग के निदेशक डॉ.संगीता नेहरा व कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ.सुनीता चौधरी व कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा जी ने की। विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा, संस्थान के सभी प्राचार्यगण, विद्यापीठ के कुलसचिव व वूमेन डेडीकेशन पत्रिका के अविनाश फुटेला ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। डॉ.शमीम शर्मा ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए व परिचय देते हुए कहा कि महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है। कई बार महिलाओं के साथ पेशेवर जिंदगी में भेदभाव होता है। घर-परिवार में भी कई दफा उन्हें समान हक और सम्मान नहीं मिल पाता है। फिर वे जूझती हैं। संघर्ष कर करती हैं और इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में उनका ही सर्वाधिक योगदान होता है। डॉ. शर्मा कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। आज महिलाएं आईटी, आर्मी, रेलवे, चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो हर क्षेत्र में आगे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी समय-समय पर आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना राजरानी की टीम द्वारा विशेष प्रस्तुति पेश की गई। मुख्य अतिथि के हार्दिक अभिनंदन में शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने माइन व नाटक प्रस्तुत किया। राजरानी एवं ग्रुप में कव्वाली प्रस्तुत करके सभी का मन मोह लिया। जेसीडी डेंटल कॉलेज के विद्यार्थियों ने भंगड़ा व सोलो हरियाणवी डांस प्रस्तुत किया। जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की छात्र छात्राओं ने पंजाबी भंगड़ा प्रस्तुत किया।

विशिष्ट अतिथि सिरसा जिला के उपायुक्त की धर्मपत्नी डॉ.सुनीता चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि वहीं राष्ट्र विकास कर सकता है जिस राष्ट्र में नर और नारी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। हमें अपने परिवार से ही बेटा और बेटी के बीच जो असमानता है उसको दूर करना होगा और दोनों को एक समान समझना होगा। आज हम महिला दिवस मना रहे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम पुरुषों का विरोध कर रहे हैं। महिला सशक्तीकरण का मतलब है महिलाओं को अधिकार दिलाया जाएं। महिलाएं ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देती है। हमें महिलाओं को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए वह शक्ति है वह हर मुश्किल का सामना कर सकती है।

मुख्य अतिथि डॉ.संगीता नेहरा ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के तनाव भरे माहौल में हम सभी के लिए ध्यान का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। हमें आगे बढ़ने से जो रोक रहा है वो हमारे अन्दरबैठा खुद का डर है जिसको हम ध्यान से हरा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आध्यात्म के विभिन्न आयामो को समझाया और कहा कि हमें स्वयं को स्वयं से जुड़ने व आध्यात्मिक सुख की अनुभूति करने में मदद मिलती है। हमें पर्यावरण व जीव जंतुओं को उतना ही ख्याल रखना चाहिए जैसे हम स्वयं का रखते हैं, ऐसे छोटे-छोटे कार्यों से हमारी आंतरिक शक्ति व सुंदरता में वृद्धि होती है। आज के विद्यार्थियों में मूलभूत मूल्यों की कमी है इस कमी को हम ध्यान के द्वारा ही दूर कर सकते हैं, ध्यान से हमारी जिंदगी बदल जाती है। ध्यान के लाभों को महसूस करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। प्रतिदिन यह कुछ ही समय लेता है। प्रतिदिन की दिनचर्या में एक बार आत्मसात कर लेने पर ध्यान दिन का सर्वश्रेष्ठ अंश बन जाता है। ध्यान एक बीज की तरह है। जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है। प्रतिदिन, सभी क्षेत्रों के व्यस्त व्यक्ति आभार पूर्वक अपने कार्यों को रोकते हैं और ध्यान के ताज़गी भरे क्षणों का आनंद लेते हैं।

प्रातःकालीन सत्र का आरंभ मुख्य अतिथि डॉ. दीप्ति धर्मानी जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा व अन्य गणमान्य जन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की और फिर तेजस्विनी संगम संगोष्ठीकी शुरआत करते हुए महिला एवं शिक्षा विषय पर विचार विमर्श किया गया जिसमें जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा से अंगेज़ी की प्रोफ़ेसर डॉ. दीप्ति धर्मानी रहीं और मुख्य वक्ता डॉ. सत्य सावंत, रेशम शर्मा, पूनम परिणीता, डॉ. प्रज्ञा कौशिक एवं डॉ. सुरीन शर्मा रही।

डॉ.सत्य सावंत ने महिलाओं की निजी शारीरिक समस्याओं के निदान पर बात करते हुए कहा की बहुत सी ऐसी समस्याएं होती हैं जिनको बताने में महिलाएं आज भी शर्म करती हैं लेकिन उन्हें इन समस्याओं के बारे में खुल कर बात करने की आवश्यकता है। रेशम शर्मा ने कहा भले ही शहर से हो या गांव से उन्हें आगे बढ़ने केसपने देखने चाहिए और उन सपनों को साकार करने की हिम्मत रखनी चाहिए। पूनम परिणीता ने कहा कि हमें हर समय आनंद की अनुभूति होती रहनी चाहिए जिसके लिए जरूरी है कि पहले आप खुद को जाने क्योंकि वह आप ही हैं जो खुद को संभाल और संवार सकती हैं।डॉ.प्रज्ञा कौशिक ने अनेक महिलाओं का उदाहरण देते हुए यह बताया किनारी कमजोर नहीं है डॉ. सुनील शर्मा ने सभी महिलाओं को जिंदगी जी भर के जीने का संदेश दिया डॉ.शमीम शर्मा ने कहा समाज में महिलाओं की स्थिति बेहतर करने में पुरुषों का बहुत बड़ा योगदान रहता है उन्होंने कहा अगर हर बहू को अपने ससुर में पिता की शक्ति मिल जाए तो कोई पति अपनी पत्नी पर कभी अत्याचार नहीं कर सकता उन्होंने कहा कि समय आ गया है की पिता अपनी बेटियों से जितना प्यार करते हैं वे उस प्यार को अपने हर कृत्य में शामिल करें और वे केवल अपने बेटे को ही नहीं बल्कि प्रेम और प्यार से अपनी बेटी को भी अपनी संपत्ति का अधिकारी माने।

मुख्य अतिथि डॉ. दीप्ति धर्मानी ने कहा कि व्यक्ति की हार परिस्थितियों के कारण नहीं बल्कि उसके मन की हार के कारण होती है इसलिए जरूरी है के हम अपने कर्म को करें क्योंकि समय आने पर उसका फल मिलता ही है। उन्होंने कहा की महिला सशक्तिकरण को बल देने के लिए आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि सवाल सिर्फ अपनी बेटियों से ही नहीं बल्कि अपने बेटों से भी पूछे जाने चाहिए ताकि उन्हें भी अपने नैतिक कर्तव्यों का आभास रहे। उन्होंने कहा की बितते समय के साथ हमारी सोच और व्यवहार में बदलाव आ रहे हैं जो काफी सकारात्मक दिशा की और अग्रसर है लेकिन फिर भी जरूरी है कि हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को भी जीवन का हिस्सा बनाएं

कार्यक्रम के अंत में जेसीडी स्कूल ऑफ म्यूजिक एंड डांस के प्रभारी तुलसी अनुपम व उनकी टीम के सदस्यों ने साहस, जोश ,उम्मीद और जुनून से भरा गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।इस अवसर पर डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजेशवर चावला, प्राचार्य डॉ. अरिंदम सरकार, डॉ. जयप्रकाश, डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल व विद्यापीठ के रजिस्ट्रार सुधांशु गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारीगण प्राध्यापकगण व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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