10881 farmers and agricultural laborers committed suicide in 2021
देश में वर्ष 2021 में 10881 किसानों व कृषि मजदूरों ने की आत्महत्याएं – डाॅ. ढींडसा
सिरसा 09 जून 2023 :अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डाॅ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10881 किसानों व खेतीहर मजदूरों ने आत्महत्याएं की जोकि किसानों की दुर्दशा और बिगड़ती आर्थिक स्थिति को दर्शाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार औसतन प्रतिदिन 30 किसानों व कृषि मजदूरों ने आत्महत्याएं की। डाॅ. ढींडसा ने दुःख एवं आश्चर्य व्यक्त किया कि एक ओर तो केन्द्र सरकार किसानों की आय दोगुना करने का वायदा कर रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों की आत्महत्याएं हर वर्ष बढ़ती जा रही हैं।
डाॅ. ढींडसा ने कहा कि वर्ष-2021 में सबसे अधिक आत्महत्याओं का आंकड़ा महाराष्ट्र में (4064) पाया गया जबकि कर्नाटक, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल में क्रमशः 2169, 671, 270, 226, 141 व 24 किसानों व कृषि मजदूरों ने आत्महत्याएं की। सरकारी सूत्रों के अनुसार मौसम की मार, सिंचाई के साधनों में कमी व कीटों के आक्रमण के कारण ऐसा हुआ।
डाॅ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि कृषि सम्बन्धित संसदीय कमेटी द्वारा 23 मार्च को संसद में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार सरकार का कथन कि 2022 किसानों की आय दोगुनी करेंगे, वास्तविकता से कोसों दूर है। कमेटी ने यह भी उजागर किया कि कृषि करने वाले परिवारों की मासिक आमदनी 2015-16 से 2018-19 तक केवल मात्र 2000 से बढ़कर 10218 रूपये हुई और यह भी एक कटु सत्य है कि 10218 रूपए प्रतिमास में 4-5 व्यक्तियों का पालन-पोषण कर पाना लगभग असंभव सा है।
डाॅ. ढींडसा, जोकि स्वयं एक किसान के पुत्र हैं, ने सरकार से पुरजोर अपील की है कि सरकार को कृषि एक लाभप्रद व्यवसाय बनाने के लिए युद्धस्तर पर आवश्यक कदम उठाने होंगे। आज की स्थिति यह है कि किसी भी किसान का बेटा किसानी नहीं करना चाहता। यदि यहीं प्रवृत्ति चलती रही तो कुछ वर्षों में कोई भी खेती करने वाला नहीं बचेगा, जिसके कारण देश में फिर से खाद्यानों की कमी की समस्या पैदा हो सकती है।