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B.Ed. Students Teaching Practice Ending
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  • December 26, 2016
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B.Ed. Students Teaching Practice Ending

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के छात्र-अध्यापकों का शिक्षण अभ्यास सम्पन्न
बी.एड. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने विदाई समारोह को बनाया यादगार, स्कूली छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम, मोहा सभी का मन

सिरसा 26 दिसम्बर, 2016 : जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के बी.एड-प्रथम वर्ष (सामान्य एवं विशेष) विद्यार्थियों के लिए विभिन्न स्कूलों में 2 दिसम्बर से प्रारंभ किया गया शिक्षण अभ्यास विगत दिवस समाप्त हो गया। इस अवसर पर बी.एड. प्रथम वर्ष के छात्र-अध्यापकों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नेजाडेला कलां में विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्यातिथि शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जयप्रकाश ने शिरकत की। वहीं अध्यक्षता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नेजाडेला कलां स्कूल की पूर्व मुख्याध्यापिका श्रीमती रेणु बाला द्वारा की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस मौके पर स्कूल के विद्यार्थियों एवं छात्र अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा अपनी-अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से सभी का मन मोहा।

बतौर मुख्यातिथि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ0 जय प्रकाश ने कहा कि एक अध्यापक की राष्ट्र निर्माण में अह्म भूमिका होती है तथा अध्यापक ही सच्चे राष्ट्रनिर्माता तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी अध्यापक को अपने विद्यार्थियों के लिए अच्छे संस्कारों का पथ-प्रदर्शक होना चाहिए ताकि हमारा राष्ट्र उन्नति कर सके और हमारे विद्यार्थी एक सशक्त, ईमानदार, कर्मठ व देश के प्रति समर्पित नागरिक बन सकें । डॉ0 जयप्रकाश ने भावी अध्यापकों से आह्वान किया कि वे महान विभूतियों से प्रेरणा लेकर देश की उन्नति में अपना योगदान प्रदान करें। वहीं उन्होंने सभी से कहा कि शिक्षण अभ्यास के दौरान आपने जो भी सीखा है एवं अनुभव प्राप्त किया गया है उसको आप आगे चलकर अपने मूल शिक्षण कार्य में भी जारी रखना।

इस अवसर पर स्कूल की पूर्व प्राचार्या रेणु शर्मा ने जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंधन समिति एवं शिक्षण महाविद्यालय के भावी अध्यापकों तथा टीचर इंचार्ज व प्राचार्य का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जेसीडी विद्यापीठ में साईंस एवं संस्कारों से युक्त शिक्षा प्रदान की जाती है, जिसका उदाहरण बी.एड. के विद्यार्थियों द्वारा इस स्कूल के छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए शिक्षण अभ्यास से मिलता है। उन्होंने कहा कि आज के इस समाज में अच्छे अध्यापकों की आवश्यकता है, जो प्रत्येक विद्यार्थी को हमारी संस्कृति एवं सामाजिकता से जोड़े तथा यह तभी संभव हो सकता है जब एक अध्यापक में अच्छे संस्कार एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा विद्यमान होगी। श्रीमती शर्मा ने सभी छात्र-अध्यापकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उनके अनुशासनात्मक तरीके से शिक्षण करवाने की प्रशंसा की।

इस शिक्षण अभ्यास कार्यक्रम कॉलेज के प्रवक्ता राजेन्द्र कुमार, निशा एवं कंवलजीत कौर के दिशा-निर्देश में करवाया गया, जिन्होंने इस शिक्षण अभ्यास को सफल बनाने के लिए स्कूल प्रशासन, स्टाफ सदस्य एवं स्कूली विद्यार्थियों का सहयोग करने पर धन्यवाद किया। इस मौके पर स्कूल के स्टाफ सदस्य एवं गांवों के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

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