Dr Ambedkar Jayanti
डॉ. भीमराव अंबेडकर सविधान के निर्माता ही नहीं बल्कि एक मानवतावादी इंसान भी थे : ढींडसा
जेसीडी विद्यापीठ में डॉ. अंबेडकर जयंती पर भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।
सिरसा, 14 अप्रैल 2024: जेसीडी विद्यापीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मानने के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस भाषण प्रतियोगिता का आयोजन विभिन्न कॉलेज की एनएसएस यूनिट द्वारा प्रिंसिपल डॉ. जय प्रकाश के मार्गदर्शन और जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा के दिशानिर्देशन में किया गया। जिसमें विद्यार्थियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के उल्लेखनीय योगदान और भारतीय संविधान के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने संदेश में कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन और कार्य भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने जीवन में अत्यंत संघर्ष किया, जातिवाद, असमानता और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ा और समाज में समानता, न्याय और सामाजिक न्याय की आवश्यकता को स्थापित करने के लिए समर्पित हुए। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल संविधान के निर्माता ही नहीं थे, बल्कि वे एक मानवता वादी और समाज सुधारक भी थे। उनके विचार और प्रयासों का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, न्याय और सामाजिक न्याय की प्राप्ति था। उन्होंने जातिवाद, असमानता और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ा और भारतीय समाज को समृद्धि और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनकी मानवता और समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता हमें आज भी प्रेरित करती है और हमें सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।
डॉक्टर ढींडसा ने बताया कि डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय समाज के सभी वर्गों और समुदायों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और समर्पण ने उन्हें इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करने का दायित्व सौंपा। उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में लोगों के विचारों को सुना और समाज के विभिन्न समूहों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं का समान रूप से संरक्षण सुनिश्चित किया। उनका संविधान में समानता, न्याय, और सामाजिक न्याय के प्रति आदर्श उल्लेखनीय है, जिससे समाज में समृद्धि और सामाजिक न्याय की प्राप्ति हो सके। उनका जीवन और कार्य हमें समाज में समानता, न्याय और सामाजिक न्याय के प्रति अपना कर्तव्य निभाने की प्रेरणा देते हैं।
प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश ने कहा कि भारतीय संविधान का महत्व इसलिए है क्योंकि यह एक लोकतंत्रिक राष्ट्र की आधारशिला है जो स्वतंत्र और न्यायाधीन भारतीय समाज की निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से सार्वभौमिक और समान अधिकार, स्वतंत्रता, न्याय, और सामाजिक न्याय के आदर्शों को स्थापित किया गया है। यह संविधान भारतीय समाज को एक विकासशील, समृद्ध और समान समाज की दिशा में अग्रसर करने में मदद करता है। इसलिए, भारतीय संविधान ने भारत को एक गारंटीड डेमोक्रेसी और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में महत्वपूर्ण रूप से स्थापित किया है।
कार्यक्रम के अंत में विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एनएसएस यूनिट के प्रभारी, स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित रहे।