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National Hindi Diwas Celebrated at JCD Memorial College
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  • September 11, 2018
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National Hindi Diwas Celebrated at JCD Memorial College

A lecture and intercollegiate Hindi Calligraphy Competition was organized on the event of National Hindi Day by the JCD PG Memorial College, Sirsa. In the program, students demonstrated their interest and affection towards their mother tongue, Hindi. Many participants from different colleges participated in this competition. Prof. Rup Devgun, a noted writer of Sirsa, presented his views on the direction and condition of Hindi language regarding information about its national language, its decreasing usage, importance and today’s context.

जेसीडी विद्यापीठ में राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की पूर्वसंध्या पर सुलेख प्रतियोगिता आयोजित
इंटर कॉलेज सुलेख प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपनी हिन्दी के प्रति रुचि का किया प्रदर्शन

जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रभाषा हिन्दी पर एक व्याख्यान तथा अंत:महाविद्यालय हिन्दी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी मातृभाषा हिन्दी के प्रति अपनी रुचि एवं लगाव को प्रदर्शित करते हुए अपनी सुलेख कला का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में अलग-अलग महाविद्यालयों से अनेक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में सिरसा के विख्यात साहित्यकार प्रो.रुप देवगुण ने उपस्थित होकर राष्ट्रभाषा के बारे में जानकारी, उसके घटते प्रयोग, महत्व तथा आज के संदर्भ में हिन्दी भाषा की दिशा व दशा पर अपने विचार प्रकट किए।

इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य वक्ता एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ.प्रदीप शर्मा स्नेही ने सभी को हिन्दी दिवस की पूर्व में ही बधाई प्रदान करते हुए कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा होने के साथ-साथ बोलने एवं समझने में भी सरल है परंतु फिर हम सभी पाश्चात्य भाषा का प्रयोग अधिक करने लगे हैं और अपने ही देश में अपनी ही भाषा को भुला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अन्य भाषाओं का भी मान-सम्मान अवश्य करना चाहिए परंतु राष्ट्रभाषा को भी बेहतर तरीके से सीखना चाहिए तथा उसका ज्ञान हासिल करके इसका प्रयोग करना चाहिए। डॉ.स्नेही ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में हिन्दी के समाचार पत्र पढऩे की आदत डालें। उन्होनें कहा कि हिन्दी का न केवल 14 सितम्बर को बल्कि हर दिन सम्मान होना चाहिए ताकि इसका दर्जा कायम रह सके।

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता अपने संम्बोधन में विद्यार्थियो से कहा कि भारत में हिन्दी की स्थिति बहुत अच्छी नहीे है लेकिन संतोष इस बात का है कि हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होने कहा कि हिन्दी के समक्ष बहुत सी समस्याऐं एंव चुनौतियां है जिनका हम सब को मिलकर सकारात्मक रुप से इस दिशा में कार्य करते हुए निवारण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी भी होती है कि हमारी युवा पीढ़ी कुछ हद तक डिजिटलीकरण के माध्यम से इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा इसका प्रयोग भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से सॉफ्टवेयर इसके लिए तैयार किए जा रहें हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि हिन्दी भाषा कागज़, कलम व किताब से निकल कर स्क्रीन पर आ गई है। उन्होंने इस पावन अवसर पर उन्हें आमंत्रित करने के लिए कॉलेज के प्राचार्य एवं अन्य का आभार प्रकट किया।

इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंधन समन्वयक इंजी.आकाश चावला एंव शैक्षिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक ने सभी को हिन्दी दिवस की बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को किसी भी विषय की जानकारी हेतु ऐसे आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण होते है परंतु हमारी राष्ट्रीय भाषा की जानकारी हेतु ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना अपने आप में बहुत ही महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम राष्ट्रीय गीत, गान एवं अन्य का सम्मान करते हैं उसी प्रकार हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का भी सम्मान करना चाहिए ताकि हमारा देश समृद्ध हो सके।

इस कार्यक्रम का आयोजन हिन्दी विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती किरण वर्मा द्वारा बखूबी किया गया। वहीं इस अवसर पर आयोजित हिन्दी सुलेख प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों के लगभग 40 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया। इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के रुप में शिक्षण महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. रमेश कुमार व डा.राजेन्द्र कुमार द्वारा छात्रा निशा को प्रथम, नेहा बांसल को द्वितीय तथा हरमन को तृतीय चयन किया गया। इस अवसर पर कला संकाय समन्वयक डॉ. पूनम पूनियां, डॉ इंद्रजीत बिश्नोई, डॉ.इष्टप्रीत, अमरीक सिंह गिल, पूनम वर्मा, अमनीत कौर, अशोक कुमार, विजय कुमार, सोमवीर सिंह, नानकचन्द, अभय सिंह, प्रो.जी.डी.सिंगला, जोगिंद्र सिह, करण सिह कम्बोज व राकेश फुटेला सहित अनेक अन्य गणमान्य लोग एवं विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे।

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