Speech Competition on the occasion of Farmer day
किसानों के योगदान को हमेशा करें सम्मान: ढींडसा
जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में किसान दिवस पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन ।
सिरसा 23 दिसंबर 2023: जेसीडी विद्यापीठ स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में किसान दिवस पर एक भाषण प्रतियोगिता करवाई गई। जिसका विषय 21 वीं सदी में किसान की भूमिका रखा गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉक्टर जयप्रकाश द्वारा की गई। सर्वप्रथम डॉक्टर जय प्रकाश ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था में किसानों का भी अहम योगदान है । हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। किसान हमारे देश की रीड़ की हड्डी हैं क्योंकि वही हैं, जो पूरे देश के लोगों के पेट को भरने में अपना योगदान देते हैं। भारत में किसान को अन्नदाता और धरती पुत्र कहा जाता है।
जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने संदेश में कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है और हर थाली तक अन्न पहुंचाने के लिए किसानों को ना जाने कितनी चुनौतियों से गुजरना होता है। आर्थिक, सामाजिक, मानसिक और भौतिक चिंताओं के बीच भी किसान बिना थके-बिना रुके हमारी थालियों तक अन्न पहुंचाते हैं। वैसे तो हमें हर दिन, हर घंटे, हल पल किसानों को शुक्रगुजार होना चाहिए, क्योंकि उनके निर्मोही योगदान से हर देशवासी को अन्न की आपूर्ति होती है। लेकिन किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल इस दिन को भारतीय किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि आज के दिन हमारे पूर्व प्रधानमंत्री और किसान हितैषी नेता चौधरी चरण सिंह की जन्मतिथि है। स्व.चौधरी चरण सिंह, जिन्होंने किसानों के मुद्दों को सिरे से उठाया और जब भारत के प्रधानमंत्री बने तो किसानों की दशा और दिशा को सुधारने के लिए कई प्रयास किए है। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि चौधरी चरण सिंह खुद भी एक किसान परिवार से आते थे और यही वजह है कि वो किसानों की हर तरह की समस्या से वाकिफ थे। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने किसानों के हक की आवाज उठाई और देश के सबसे बड़े पद पर काबिज होने के बाद भी किसानों के लिए सुधारात्मक कार्य करते रहे। डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि हम सभी को किसानों के योगदान के लिए उन्हें सम्मान करना चाहिए। हमारे देश की प्रगति में किसानों को सबसे अहम रोल है। किसानों के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज भारत घरेलू खाद्य आपूर्ति के साथ-साथ दूसरे देशों का भी पेट भर रहा है। वैसे तो किसान एक ऐसा औधा है, जो अपने सम्मान के लिए किसी दिन का मौहताज नहीं है। इनके योगदान को जितना सराहा जाए उतना कम है. तभी तो केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित हमारे अन्नदाताओं को अब तकनीक और विज्ञान से जोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि सोसाइटी ऑफ क्रॉप साइटिस्ट एड बायोटेक्नोलॉजिस्ट, वाराणसी ने प्रोफेसर कुलदीप ढींडसा द्वारा दालों व अनाजों में पोषण गुणवत्ता में सुधार हेतु उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2019 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था ।
इस भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में डॉक्टर निशा तथा बलविंदर द्वारा बीएड के प्रथम वर्ष के छात्र नवनीत सिंह को प्रथम तथा विकास को द्वितीय और अनीशा को तृतीय घोषित किया। विजेता विद्यार्थियों को प्राचार्य द्वारा प्रमाणपत्र दिए गए। इस अवसर पर कॉलेज के सभी प्राध्यापक गण और विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।