The founder of Bhai Kanhaiya Ashram, Shri Gurvinder ji visited Jannayak Ch. Visited Devi Lal Rehabilitation Center
भाई कन्हैया आश्रम के संस्थापक श्री गुरविंदर जी ने जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र का किया भ्रमण
सिरसा 14 दिसंबर, 2021 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र सिरसा में भाई कन्हैया आश्रम के संस्थापक श्री गुरविंदर जी ने भ्रमण किया। जेसीडी जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा ने श्री गुरविंदर सिंह जी का स्कूल में पहुंचने पर गुलदस्ते देकर स्वागत किया। जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने प्रबंध निदेशक डॉक्टर शमीम शर्मा , गुरजिंदर सिंह जी व सभी विशेष छात्रों का स्वागत किया और कहा कि दिव्यांगों की समाज में उपेक्षा की जाती है। इस बात से मन बहुत दुखी होता है। मन में दिव्यांगों के लिए कुछ करने की इच्छा थी तो वर्ष 2019 में जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र की स्थापना की और मदद करने में जुट गए। उसके बाद लोगों का सहयोग मिला , यह पुनर्वास केंद्र दिन प्रतिदिन समाज सेवा की ओर अग्रसर है ।
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Bhai Kanhaiya Ashram, Shri Gurvinder ji visit – 14/12/2021See images »
जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने सभी छात्रों का स्वागत और सभी से जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र के साथ जुड़े रहने की अपील करते हुए कहा कि दिव्यांग छात्र भी समाज का अभिन्न अंग होते हैं। विशेष आवश्यकताओं वाले बालक ‘विशिष्ट बालक’ भी कहे जाते हैं। सामान्य बालकों (नॉर्मल चिल्ड्रन) से विशिष्ट वाला (एसेप्शनल चाइल्ड) की प्रकृति में भिन्नता पाई जाती है। सामान्य बालक औसत शरीर वाले एवं स्वस्थ अंगों वाले होते हैं तथा सामान्य शारीरिक श्रम वाले कार्यों को करने में किसी प्रकार की बाधा का अनुभव नहीं करते । इनका बौद्धिक स्तर प्रायः सामान्य बुद्धिलब्धि अर्थात् 90 से 110 की सीमा के मध्य होता है। इनकी अधिगम (सीखने) की गति भी औसत होती है। ये संवेगात्मक रूप से संतुलित होते हैं जबकि विशिष्ट बालक औसत बालकों से भिन्न होते हैं। या तो वे 120 बुद्धिलब्धि या उससे अधिक वाले प्रतिभाशाली बालक होते हैं अथवा शारीरिक, मानसिक दृष्टि से बाधित बालक होते हैं। इन बच्चों की कुछ ऐसी आवश्यकताएँ हैं जो अधिकांश बच्चों की जरूरतों से भिन्न होती हैं, अर्थात् उनकी कुछ विशेष जरूरतें होती हैं।
भाई कन्हैया आश्रम के संस्थापक श्री गुरविंदर ने जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र की भूरी भूरी प्रशंसा करते कहा कि विशेष बच्चों को सामान्य बच्चों के बीच मुख्यधारा स्कूल में पढ़ाने पर उनका विकास ज्यादा तेजी से होता है। दरअसल उन्हें रहना तो समाज में सामान्य लोगों के बीच ही है। समस्या यह है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक विशेष बच्चों को पढ़ाने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। विशेष बालकों की विशेष आवश्यकताएं सामान्य आवश्यकताओं से भिन्न तथा विशिष्टता लिये होती है। सामान्य आवश्यकताएं तो विशिष्ट व सामान्य दोनों प्रकार के बालकों में समान रूप से पाई जाती हैं । जैसे भोजन, आवास, वस्त्र, सुरक्षा, निद्रा आदि की आवश्यकताएं। स्नेह सम्मान, स्वतंत्रता सराहना जैसी मनोवैज्ञानिक आवश्यकताएं तथा बोलचाल, मित्रता जैसी सामाजिक आवश्यकताएं भी विशिष्ट व सामान्य दोनों प्रकार के बालकों में समान रूप से दिखाई देती है।
जननायक चौ. देवीलाल पुनर्वास केंद्र के प्रभारी श्री मदन लाल ने कहा कि जननायक चौ. देवी लाल पुनर्वास केंद्र सिरसा में दिव्यांग बच्चों को फिजियोथेरेपी, ओक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, ग्रुप हीयरिंग, काउंसलिंग और व्यावसायिक शिक्षा दी जाती है। उन्होंने बताया कि कई बार दिव्यांग जीवन से हताश हो जाते हैं तो काउंसलिंग कर उनकी मदद की जाती है।