Extension Lecture by Arts Section
जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित
साहित्य एक कला है, जिसमें माहिर होने पर प्राप्त होती है सफलता – डॉ.दीप्ति धर्माणी
जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित मैमोरियल कॉलेज की अंग्रेजी लिटरेचर सोसायटी के तत्वावधान में अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय से डिन ऑफ अकेडमिक अंग्रेजी विभाग प्रो. डॉ.दीप्ति धर्माणी ने बतौर विशेषज्ञ उपस्थित होकर विद्यार्थियों को अंग्रेजी विषय एवं साहित्य के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी मैमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रदीप स्नेही द्वारा की गई। वहीं इस कार्यक्रम का आयोजन कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.पूनम पूनियां की देखरेख में किया गया।
इस मौके पर सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ प्रदीप स्नेही ने मुख्य वक्ता एवं अन्य उपस्थितजनों को अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में ऐसे आयोजनों की अति आवश्यकता है ताकि विद्यार्थी नवीनतम एवं बेहतर जानकारी हासिल करके अपने विषय सम्बन्धी समस्याओं का निवारण कर पाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज की आपाधापी भरे जीवन मे हमें अपने जीवन को एक सही दिशा देने के लिए अच्छे साहित्य का सहारा लेना चाहिए ताकि हम कामयाब हो सके। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजकों एवं जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंधन समन्वयक इंजी.आकाश चावला एवं शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक का कार्यक्रम के आयोजन हेतु मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद किया।
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Extension Lecture by Arts Section – 01/02/2018See images »
बतौर मुख्य वक्ता अपने संबोधन में डॉ.दीप्ति धर्माणी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि साहित्य क्या है, यह हमारे लिए क्यों जरूरी है और इनसे हमें क्या सीख मिलती है। उन्होंने बताया कि साहित्य एक कला है जिसमें आप माहिर होने के बाद जीवन के किसी भी क्षेत्र में कुशलतापूर्वक प्रयोग कर सकते है, आज साहित्य केवल ज्ञानवर्धन के लिए ही नहीं अपितु मनोरंजन का भी साधन है। इसी के साथ-साथ साहित्य इंसान का एक नजरिया भी विकसित करता है कि किस विषय पर क्या लिखना है और कैसे लिखना है, उन्होंने थ्री इडियट फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का ही जरिया नहीं बल्कि अपना कौशल विकसित करने का भी एक प्लेटफार्म होना चाहिए। साहित्य समाज को सुधारने का काम भी करता है और समाज को बुराइयों के दलदल से निकालने में भी सहायक है। साहित्य ऐसा होना चाहिए जो वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी मानव जाति के लिए उपयोगी हो। डॉ. धर्माणी ने बताया ंकि यदि हम साहित्य में अच्छे है तो हम अपने जीवन में भी एक सफल इंसान बन सकते है।
इस अवसर पर कला विभाग के पूनम वर्मा, सोमवीर सिंह, नानक सिंह , सज्जन कुमार, किरण वर्मा, अवनीत कौर, मिलन गर्ग, आरती वर्मा व विभाग से सम्बन्धित समस्त विद्यार्थीगण एवं अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।