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International Yoga Day celebrated at JCDV
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  • June 21, 2018
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International Yoga Day celebrated at JCDV

JCD Vidyapeeth organized One day-long yoga training camp. The program was celebrated under auspices of the Education College. Detailed information about the importance of yoga and its usefulness in everyday life is shared with Students and Staff. Dr.R.R. Malik, Academic Director of JCD Vidyapeeth, joined as the chief guest.

जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं को योग की महत्ता एवं आम जीवन में इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इस योग शिविर में जेसीडी विद्यापीठ के शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश ने सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा शरीर को स्वस्थ बनाने हेतु जो यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है वह काफी सराहनीय है, क्योंकि योग हमारी जीवनशैली में काफी महत्व रखता है तथा इससे एक नवीन ऊर्जा का संचार होता है और हम व्यस्त समय के बावजूद अपने आपको चिंतामुक्त रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब पूरी मानव जाति योग की महत्ता को समझ रही है।योग एक विज्ञान है और इसके सिद्धांत पूरी दुनिया के लिए सम्मान योग्य है। आज की दुनिया में लोग जहां आर्थिक रूप से संपन्न हुए हैं वहीं लोगों में अशांति भी बढ़ी है इसलिए योग की जरूरत आज पहले से कहीं ज्यादा है।

इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि डॉ.आर.आर.मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि योग शब्द संस्कृत धातु ‘युज्य’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। उन्होंने कहा कि योग हमारे शरीर के लिए सबसे लाभदायक है इसलिए हमें चाहिए कि हमें इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। डॉ.मलिक ने बताया कि योग से आंतरिक शांति व खुशी की प्राप्ति होती है तथा योग केवल एक आसन न होकर यह जीवन जीने का एक बेहतर तरीका है। शरीर, मन व आत्मा में संतुलन बनाने के लिए यह बहुत जरूरी है इसीलिए लोग किसी भी व्यवसाय या कार्य में हो पर वे योग से जुड़कर अपने जीवन में परिवर्तन लायें। उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से पूरे विश्व में शांति और सौहाद्र्र का वातावरण निहित होता है। हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं। योग यानि दो को जोडऩा उसी प्रकार योग में भी हम अपनी आत्मा को प्रमात्मा से जोडऩे का प्रयास करते हैं। केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाला यह गहन विज्ञान है, योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है। उन्होंने कहा कि योग को हमें दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए जिससे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योग शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो रोजमर्रा की जि़न्दगी के लिए आवश्यक है। डॉ.मलिक ने कहा कि योग को एक नई पहचान मिली है वर्तमान में योग को केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी विशेषताओं के लिए अपनाया जा रहा है तथा प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत 21 जून 2015 से हुई थी। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी की सोच में जो विकृतियां उत्पन्न हो रही है उसे केवल योग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है।

इस एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर योग प्रशिक्षक अशोक कुमार ने जेसीडी विद्यापीठ के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य स्टॉफ सदस्यों को योग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने के साथ-साथ योग करवाया। इस मौके पर उन्होंने सूर्य नमस्कार के 12 आसनों के साथ अन्य आवश्यक योग क्रियाएं करवाई तथा इनके लाभ बारे बताया। उन्होंने कहा कि आसन एवं योग क्रियाएं हमारे पौराणिक ऋषि-मुनियों की दी हुई एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें सदैव सहज कर रखना चाहिए तथा आज प्रत्येक देश हमारी इस पद्धति को अपना कर इसका लाभ उठा रहा है परंतु हमारे ही देश में इसे पूर्ण अधिकार प्राप्त नहीं हो पा रहा इसलिए सरकार द्वारा उठाएं गए इस सराहनीय कदम का सभी को लाभ उठाना चाहिए तथा अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए प्रात:काल योग अवश्य करना चाहिए।

इस कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि महोदय द्वारा प्रशिक्षकों को समृति चिहृन प्रदान करके सम्मानित किया गया, इस मौके पर सभी महाविद्यालय के प्राचार्य, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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