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  • By davinder
  • April 21, 2025
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Valedictory of One day National Seminar

जेसीडी विद्यापीठ में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
“ज्ञान के लिए तकनीकी संसाधनों का होना अति आवश्यक” – डॉ. राजेश बंसल

सिरसा, 19 अप्रैल 2025 — जेसीडी विद्यापीठ के शिक्षण महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “शिक्षा, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विज्ञान और मानविकी में नवीन प्रौद्योगिकी का एकीकरण” विषय पर आयोजित की गई, जिसका समापन समारोह अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षा और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों की भूमिका पर चर्चा करना था।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलसचिव डॉ. राजेश बंसल रहे, जबकि अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं संगोष्ठी संयोजक डॉ. जयप्रकाश ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मीना कुमारी, डॉ. पूनम गुप्ता एवं डॉ. ईश्वर मलिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यगण, इस अवसर पर एम.एम.कॉलेज ऑफ एजुकेशन, फतेहाबाद की प्राचार्या डॉ. जनक रानी, शाह सतनाम सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सिरसा की प्राचार्या डॉ. रजनी बाला, डॉ. जाखड़ प्राचार्य नेहरू कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन मंडी डबवाली, कुलसचिव डॉ. सुधांशु गुप्ता, प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

डॉ. जयप्रकाश ने स्वागत भाषण में कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग शिक्षा को अधिक प्रभावशाली, सुलभ और समावेशी बनाता है। ऑनलाइन शिक्षण, डिजिटल पाठ्यपुस्तकें और शैक्षिक एप्लिकेशन आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की आधारशिला बन रहे हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. राजेश बंसल ने कहा कि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने हेतु शिक्षकों को तकनीकी संसाधनों और आवश्यक उपकरणों से युक्त करना आवश्यक है। उन्होंने संकाय विकास कार्यक्रमों में निरंतर निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे शिक्षक नवीनतम शैक्षणिक प्रवृत्तियों से अवगत रह सकें। उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन की सराहना करते हुए प्रौद्योगिकी के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।

डॉ. मीना कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटलीकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को AI टूल्स और वर्चुअल प्लेटफार्मों का भरपूर उपयोग कर छात्रों को नवीनतम शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।

डॉ. ईश्वर मलिक ने शिक्षा प्रौद्योगिकी पर आधारित संगोष्ठियों को शिक्षकों और छात्रों के लिए नवीन विचारों और तकनीकों को साझा करने का उत्कृष्ट मंच बताया। वहीं, डॉ. पूनम गुप्ता ने डिजिटल डिवाइड की चुनौती पर चर्चा करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी शिक्षार्थियों के बीच तकनीकी संसाधनों की समान पहुँच सुनिश्चित करना समय की मांग है।

संगोष्ठी में आयोजित तकनीकी सत्रों में विभिन्न पृष्ठभूमियों के विद्वानों ने आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। लगभग 200 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-लर्निंग और अन्य विषय शामिल थे। डॉ. निशा ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को मेमेंटो देकर सम्मानित किया गया ।

अंत में आयोजन सचिव डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सभी अतिथियों, शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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